Categories: राजनीति

इस पिछड़ी जाति पर है बीजेपी और सपा दोनों की नजर, जानिए क्या है प्लानिंग

लखनऊ। यूपी के रण में उतरने वाले सभी दलों का फोकस इन दिनों सोशल इंजीनियरिंग पर है। बड़ी तो छोड़िए छोटी-छोटी जातियों को साधने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन दिनों अलग-अलग इलाकों में जुदा नाम से पहचाने जाने वाले निषादों पर सबकी नजर है। कभी सियाराम को गंगा पार उतारने वाले निषादों की नाव का रुख अपनी ओर मोड़ने को सब दल कोशिश में जुटे हैं।

भाजपा और सपा इस वोट बैंक को लुभाने को कई आयोजन कर रहे हैं तो निषाद पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जातीय स्वाभिमान की अलख जगाने में जुटे हैं। बीते एक-डेढ़ दशक में जातीय दलों के तेजी से उभार ने बड़ी पार्टियों की चिंता भी बढ़ा दी है। अब उन्हें जातीय समीकरण दुरुस्त करने के लिए ज्यादा कवायद करनी पड़ रही है।

जहां तक निषादों का सवाल है तो प्रदेश भर में मुख्य रूप से नदियों किनारे के क्षेत्र में इन जातियों के वोटरों की अधिकता है। निषाद, कश्यप, केवट, मल्लाह जैसे कई नामों से इन्हें जाना जाता है। सत्ताधारी दल भाजपा इन दिनों धड़ाधड़ सामाजिक सम्मेलनों के बहाने अलग-अलग जातियों को साधने में जुटी है।

पार्टी ने इसके लिए 27 सम्मेलनों की पूरी श्रृंखला तैयार की है, जिसमें आधे से ज्यादा हो चुके हैं। इन जातियों को रिझाने के लिए भाजपा 30 अक्तूबर को इंदिरा गांधी शांति प्रतिष्ठान में सामाजिक सम्मेलन कर रही है। जातियों को साधने की इस मुहिम का जिम्मा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को लगाया गया है।

वहीं सपा का भी इन पर फोकस है। पार्टी द्वारा भी 11 नवंबर को मुजफ्फरनगर में कश्यप समाज का कार्यक्रम किया जा रहा है। बसपा की नजर भी इस वोट बैंक पर है। इस जाति के नेताओं को इस मुहिम में लगाया गया है।

निषाद पार्टी और वीआईपी झोंक रहे ताकत

निषाद पार्टी और वीआईपी में भी इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की होड़ मची है। निषाद पार्टी हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से गठजोड़ कर चुकी है। अगले महीने से पार्टी अपने प्रचार अभियान को तेज करने वाली है। वहीं पहली बार यूपी के रण में भाग्य आजमा रही वीआईपी को भी इन्हीं वोटरों से आस है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का हैलीकॉप्टर इन दिनों निषाद बाहुल्य इलाकों में मंडरा रहा है।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago