जमातियों के बाद अब प्रवासी मजदूर बन रहे खतरा, मुख्यमंत्री ने भी जताई आशंका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सजग प्रयास के बावजूद सूबे में खूनी कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। अब वह प्रवासी मजदूरों के माध्यम से शहरों की गलियों और गांवों में चुपके से अपना पांव पसार रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में आशंका जताई है। उन्होंने हर गांव व गली पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में इस समय करीब 50 हजार प्रवासी मजदूर प्रतिदिन ट्रेनों अथवा बसों से लौट रहे हैं। इनके अलावा पैदल, साइकिल अथवा अन्य माध्यमों से भी हजारों श्रमिक अपने गांव पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार का मानना है कि करीब 20 लाख कामगार मजदूर देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आएंगे।
ऐसे में जो श्रमिक सरकारी व्यवस्था के तहत ट्रेन अथवा बस से आ रहे हैं, सरकार के पास उनका ब्यौरा है और इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। लेकिन, वे मजदूर जो लुक छिपकर अपने गांव पहुंच रहे हैं, उनका न तो कोई रिकार्ड है और न ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण हो पा रहा है। पिछले कुछ दिनों में झांसी, जालौन, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात समेत कई जिलों में पहुंचे इस तरह के श्रमिकों में कई लोग बाद में कोरोना पाॅजिटिव निकले हैं।
10 दिन में 12 अछूते जिले भी गिरफ्त में
प्रदेश में कोरोना का संक्रमण पहली मई तक 75 में से 63 जिलों में फैला था। इनमें से आठ जिले उस समय कोरोना मुक्त भी घोषित किये जा चुके थे। यानि प्रदेश के 55 जिलों में ही वायरस के पाॅजिटिव केस मौजूद थे। लेकिन, इसके बाद मात्र दस दिन के अंदर ही यानि 11 मई की रात तक इस कातिल वायरस ने 75 में से 74 जिलों तक अपना पांव पसार लिया। केवल चंदौली को छोड़ इस समय समूचा उप्र इसकी चपेट में है।
पिछले माह इसी तरह तब्लीगी जमात के लोग खतरा बने थे। उस समय रोज पुष्ट हो रहे पाॅजिटिव केसों में 70 से 80 फीसदी जमाती थे। अब दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी श्रमिक कोरोना कैरियर साबित हो रहे हैं। इससे सामुदायिक संक्रमण का भी खतरा बढ़ रहा है। हालांकि, संक्रमण के बढ़ते दायरे के बीच राहत की बात यह है कि कोरोना का कहर अभी भी राज्य के कुछ जिलों तक ही सीमित है। प्रदेश में इस समय संक्रमितों का आंकड़ा 3573 पर पहुंच गया है। हालांकि इनमें से अब तक 1758 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। यहां राहत की बात यह भी है कि प्रदेश में करीब 49 प्रतिशत कोरोना संक्रमित ठीक हो रहे हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी अच्छा है।
मुख्यमंत्री ने हर गांव व गली की निगरानी के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात की आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों के कारण गांवों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। दो दिन से अपनी नियमित समीक्षा बैठक में वह अधिकारियों से बार-बार कह रहे हैं कि लुक-छिपकर गांवों में पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों पर कड़ी नजर रखी जाये। इसके लिए उन्होंने निगरानी तंत्र को और मजबूत करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गांवों और गलियों में कोई भी छिपकर चुपके से न पहुंचने पाये। जो लोग भी पैदल, साइकिल अथवा अन्य माध्यमों से आ रहे हैं, उन्हें तत्काल रोककर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये और एकांतवास में रखा जाये।
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