नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। मंगलवार के ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ के दौरान पीएम मोदी ने लॉकडाउन के चौथे चरण का भी ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि चौथे चरण में नियम बदल जाएंगे। इसके लिए राज्यों से भी सुझाव मांगे गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 18 मई से पहले देश को नए नियमों से वाकिफ करवा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4,पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने 33 मिनट की स्पीच में यह स्पष्ट कर दिया कि 18 मई से लॉकडाउन 4 लागू होगा। उन्होंने कहा कि यह नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा। मोदी ने कहा कि कोरोना अभूतपूर्व संकट है और इससे उबरने लिए आत्मनिर्भर भारत ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाएगा। लॉकडाउन के 54 दिन में यह मोदी का पांचवां संदेश था।
मोदी का राष्ट्र के नाम 5वां संदेश
मोदी की स्पीच के 3 अहम प्वाइंट
1. आत्मनिर्भर भारत: मोदी ने कहा- ‘‘मैंने अपनी आंखों के साथ कच्छ भूकंप के दिन देखे हैं। हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा। सबकुछ ध्वस्त हो गया था। ऐसा लगता था मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़ कर सो गया था। उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालत बदल पाएगी। लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ। कच्छ बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।’’
2. आत्मनिर्भर भारत के 5 स्तंभ: ‘‘भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। यह भव्य इमारत पांच पिलर्स पर खड़ी है। पहला पिलर- इकोनॉमी। एक ऐसी इकोनॉमी जो इन्क्रीमेंटल चेंज नहीं, बल्कि क्वांटम जम्प लाए। दूसरा पिलर- इन्फ्रास्ट्रक्चर। एक ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर- सिस्टम। ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति नहीं, बल्कि 21वीं शताब्दी की टेक्नोलॉजी ड्रिवन व्यवस्था पर आधारित हो। चौथा पिलर- डेमोग्राफी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की डेमोग्राफी आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पांचवां पिलर- डिमांड। इसका चक्र और इसकी ताकत का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।’’
3. विशेष आर्थिक पैकेज: ‘‘देश में डिमांड बढ़ाने और इसे पूरा करने के लिए हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेकहोल्डर का सशक्त होना जरूरी है। हमारी सप्लाई चेन को हम मजबूत करेंगे, जिसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो। हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू हो। कोरोना संकट का सामना करते हुए नए संकल्प के साथ मैं आज 20 लाख करोड़ रुपए के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।’’
मोदी ने विशेष पैकेज क्यों दिया?
1. प्रधानमंत्री के मुताबिक, 20 लाख करोड़ रुपए का यह पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 फीसदी है। इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को 20 लाख करोड़ रुपए का संबल और सपोर्ट मिलेगा।
2. यह पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडी और लॉ… सभी पर बल दिया गया है।
3. मोदी ने कहा कि आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु उद्योग, एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
4. आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए, उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति और हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है। यह पैकेज देश के मध्यमवर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है। यह भारत के उद्योगपतियों के लिए जो भारत को आर्थिक बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं।
5. ‘‘गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूर हों, मछुआरे हों, हर तबके लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा। कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है। लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है और हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।’’
कोरोना पर अब तक मोदी के 4 संदेश
लॉकडाउन के अब तक तीन फेज
कोरोना की वजह से देश पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक और दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक रखा गया था। इसके बाद तीसरे फेज का लॉकडाउन 4 मई से शुरू हुआ जो 17 मई तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 6 घंटे बातचीत की थी। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्रियों से 15 मई तक यह बताने को कहा कि वे अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। 7 राज्यों महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, तेलंगाना, प. बंगाल, हिमाचल और असम ने लॉकडाउन बढ़ाने की पैरवी की। वहीं, बिहार, तेलंगाना और तमिलनाडु ने ट्रेनें चलाने पर सवाल उठाए। गुजरात ने लॉकडाउन सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक सीमित रखने की बात कही।
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