फर्रुखाबाद। फर्जी दस्तावेजों की बदौलत डेढ़ दशक पहले शिक्षा विभाग में अध्यापक की नौकरी पाये 22 जालसाजों को आखिरकार नौकरी से हाथ धोना ही पड़ा। जांच में नौकरी पाने के लिए प्रयोग किये गये दस्तावेजों के फर्जी सिद्ध हो जाने के बाद जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी को जालसाजों के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराने के आदेश दिये हैं। हालांकि इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए 19 मई को अंतिम अवसर के रुप में मौका दिया गया है। यह जानकारी देते हुए जिला बेसिक शिक्षाधिकारी लाल जी यादव ने शुक्रवार को दी।
उन्होंने बताया कि डा0 भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय आगरा से शिक्षा सत्र वर्ष 2004-05 की फर्जी डिग्री हासिल कर 22 शिक्षकों ने जिले के विभिन्न विद्यालयों में नौकरी हासिल कर ली थी। इस मामले का भांडा फूट जाने के बाद गोपनीय विभागीय जांच कराई गई। जिसमें फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने का मामला सच पाया गया। उन्होनें बताया कि शासन स्तर से कराई गई जांच में सच उजागर हो जाने के बाद इन सभी 22 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
यहीं नहीं फर्जीवाड़े से डेढ़ दशक तक नौकरी करने के मामले में इन शिक्षकों पर अभियोग दर्ज कराने के लिए सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये है। जिससे अनुचित दस्तावेजों का प्रयोग कर गैर कानूनी तरीके से नौकरी पाकर विभाग से प्राप्त किये गये वेतन की इन जालसाजों से वसूली संभव हो सकें। उन्होनें यह भी बताया कि इन कथित शिक्षकों का अंतिमतौर पर पक्ष सुनने के लिए उन्हें 19 मई को उपस्थित होने के आदेश दिये है।
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