श्रमिकों को आज जनता की मदद की दरकार, सड़कों से गुजर रहे मजबूर मजदूरों की करें मदद
– लाॅकडाउन में श्रमिकों का अतिथि की तरह करें सम्मान: रामगोविन्द
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने देश एवं प्रदेशवासियों से लाॅकडाउन में सड़कों से गुजर रहे प्रवासी कामगारों और मजदूरों की मदद करने के लिए मार्मिक अपील की है। उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि अपना पसीना बहाकर दूसरों का पेट भरने की क्षमता वाले श्रमिकों को आज जनता के मदद की दरकार है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में बड़े-बड़े शहरों से अपने गांव की ओर मासूम बच्चों को कंधे पर उठाए हुए जा रहे पिता, मां-बाप को साईकिल पर बिठाए हुए बेटा, सूटकेस पर बच्चे को लिटाए घसीटकर चलती बेबस मां, सायकिल रिक्शा खींचते छोटे बच्चे और बैलगाड़ी में बैल की जगह खुद ही जुतकर परिवार को खींचने वाले लोगों को देखकर मन बहुत ही द्रवित है।
उन्होंने कहा कि तमाम लोग पैदल, सगड़ी, ऑटोरिक्शा, ट्रकों और अन्य साधनों से हाइवे, छोटी सड़कों एवं पुलिस के डर से पगडंडियों को पकड़कर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। उनमें लगभग सभी भूखे-प्यासे, हताश-निराश और मजबूर लोग हैं, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिल्ली व मुम्बई सहित अन्य शहरों में मजदूरी करने गए थे। अपना पसीना बहाकर दूसरों के पेट भरने की क्षमता रखने वाले इन श्रमिकों को आज हम सबके मदद की दरकार है।
श्रमिकों का अतिथि की तरह करें सम्मान
नेता प्रतिपक्ष ने लोगों से अपील की है कि राह चलते भूखे-मजबूर श्रमिकों को लोग अपने गांव के बगीचे, विद्यालय या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर रोकें। उन्हें अतिथि की भांति सम्मान देते हुए भोजन-पानी दें। यदि साधन विहीन हैं तो अपने साधन से कम से कम जिले के बॉर्डर तक छोड़ने की कोशिश करें। अगले जनपद के लोगों से अपील करें कि उन्हें आगे का भोजन-पानी उपलब्ध करवाते हुए साधन उपलब्ध करवाने का कष्ट करें।
रामगोविन्द ने कहा, ‘‘हम भारतवासी हैं, हमारी संस्कृति और परम्परा परोपकार की रही है। कहा जाता है कि गरीबों में ईश्वर का वास होता है, इसीलिए दरिद्रनारायण की चर्चा की गई है। हिन्दू धर्म में अन्न दान को महादान बताया गया है। इस्लाम में गरीबों की मदद हेतु जकात की व्यवस्था है। सिख धर्म मे लंगर खिलाना पुण्यकर्म माना गया है और ईसाई धर्म गरीबों की सेवा और इलाज को सर्वोच्च स्थान मिला है। ऐसे में हमारा मानवीय कर्तव्य है कि हम इन हालात में अधिक से अधिक लोगों की मदद करें।’’
अपनी भावपूर्ण अपील में नेता प्रतिपक्ष ने देशवासियों से अनुरोध किया है कि सरकारी निर्देशों एवं लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए, शारीरिक दूरी बनाकर इन मजबूर राहगीरों के लिए केवट बन जाइये। उन्होंने कहा कि जैसे वन गमन के समय प्रभु राम को केवट ने नदी पार करवाया लेकिन उतराई नहीं लिया, वैसे ही आप सब गरीब नारायण को अपने साधन से बिना किराया लिए पहुंचाइये।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘आप शबरी बन जाइये। जैसे वन-वन भटकते प्रभु राम को शबरी ने मीठे बेर खिलाये और बदले में कुछ भी नहीं लिया, उसी तरह आप भी गरीब नारायण को भोजन खिलाइए। इस विपत्ति के समय विकल हो रहे बच्चों और महिलाओं का का विशेष ध्यान देने की कृपा करें। मेरा मानना है कि गरीब लाचार और जरूरतमंद की सेवा चारधाम की यात्रा और हज से कम नही है।