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ग्वालियर में भीषण अग्निकांड, तीन मासूमों के साथ सात 7 लोगों की दर्दनाक मौत

ग्वालियर। लाकडाउन के दिनों में जहां मजदूरों के साथ हो रहे हादसे लगातार समाचारपत्रों और इलेक्ट्रानिक मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं वहीं ग्वालियर में एक बडा हादसा सामने आया है। उल्लेखनीय है कि शहर के रोशनी घर रोड स्थित तीन मंजिला मकान में सोमवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे आग लग गई। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो बच्चियां भी शामिल हैं। हादसा इंदरगंज चौराहे पर थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर हुआ। अब तक 11 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। घर में 25 से ज्यादा लोग रहते हैं।

दो बच्चियों के शव झुलसी हालत में मिले
घर में आग लगने के बाद दो बच्चियां शुभि और अभि, वहीं फंसी रह गईं। बाद में उनके झुलसे हुए शव बरामद किए गए। 10 साल के एक बच्चे का भी शव मिला। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी। घर में एक दुकान थी, जिसमें काफी ऑयल पेंट रखा था। आग पेंट के संपर्क में आने के बाद इतनी तेजी से भड़की कि यहां रह रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिला। इमारत से उठता धुआं करीब 3 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहा था।

आग इतनी तेजी से फैली कि परिवार के सदस्यों को संभलने का मौका नहीं मिला। मासूमों की मौत का पता चला तो बिलख पड़े।

प्रशासन ने तुरंत एयरफोर्स को बुलाया

आग बेकाबू होते देख ग्वालियर जिला प्रशासन ने एयरफोर्स से मोर्चा संभालने को कहा। एयरफोर्स की फायर बिग्रेड टीम मौके पर पहुंची और कुछ लोगों को वहां से रेस्क्यू किया। फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां और ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए गए।  लोगों को जया आरोग्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। कुछ लोग घायल भी हैं, जिनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

घर में 25 से ज्यादा लोग रहते हैं। रेस्क्यू टीम ने यहां से दो बच्चियों और एक बच्चे का शव झुलसी हालत में निकाला।

बगल के मकान की दीवार तोड़कर घायल और शवों को निकाला

ग्वालियर एयरफोर्स की फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर फोम डालकर काबू पाया। शवों और घायलों को बगल के मकान की दीवार तोड़ने के बाद बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल काे अभी क्लीन घोषित नहीं किया है। पूरे मकान में गैस भरी है। मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए हैं। इसके बाद अंदर जाकर एक बार फिर से तलाशी ली जाएगी।

अलग-अलग कमरे में मिले बच्चे
एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि जिस घर में आग लगी है, वह अंदर से काफी बड़ा है। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाने के बाद बच्चों के बारे में पूछा तो उन्हें ये नहीं पता था कि बच्चे किस कमरे में थे। बच्चे दो अलग-अलग कमरे में मिले। उनकी झुलसने और दम घुटने से मौत हुई है।

आग इतनी तेजी से फैली कि घर में फंसे लोगों को बचने का मौका नहीं मिला।

‘दुकान मालिक का कहना है कि आग की चिंगारी मीटर से निकली और तारों से होती हुई नीचे तक पहुंच गई। मुझे आग का पता उस समय लगा, जब दुकान में मेरी सीट के पास रखे तारपिन के कार्टन में आग लग गई। मैंने तारपिन के 6 डिब्बे का कार्टन जलती हालत में फेंकने के लिए उठाया। उसी समय एक डिब्बा कार्टन से गिर गया और पूरी दुकान में आग फैल गई।’ – जैसा कि परिवार के सदस्य हरिओम गोयल ने बताया।

 

हादसे में मारे गए लोगों की पहचान हुई

हादसे में आराध्या पिता सुमित गोयल (4 साल), आर्यन पिता साकेत गोयल (10 साल), शुभि गोयल पिता श्याम गोयल (13 साल), आरती गोयल पति श्याम गोयल (37 साल), शकुंतला गोयल पति जयकिशन गोयल (60 साल), प्रियंका गोयल पति साकेत गोयल (33 साल), मधु गोयल पति हरिओम गोयल (55 साल) की मौत हो गई।

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