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मजदूरों के दुख पर कविता करना अनुपम खेर को पड़ा भारी, ट्रोलर्स के निशाने पर

मुम्बई। सिने जगत के दिग्गज कलाकार अनुपम खेर एक बार फिर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गये है। इस बार वह राजनीतिक पोस्ट की वजह से नहीं बल्कि मजदूरों के दुख पर कविता कहने के लिए ट्रोल किए जा रहे है। ट्रोलर्स इसे दिखावा बता रहे है। उल्लेखनीय है कि बॉलिवुड ऐक्टर अनुपम खेर सोशल मीडिया पर बेहद ऐक्टिव रहते हैं। हालांकि कई बार वह अपने लिखे को लेकर ट्रोल भी हो जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
प्रवासी मजदूरों के दुख को उन्होंने कविता के जरिए साझा करने की कोशिश की। इसके लिए सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी डाला। पर, यहीं से वह ट्रोल हो गए। यूजर्स ने उन्हें ढोंग बंद करने और सरकार से सीधे सवाल करने के लिए नसीहत तक दे डाली।  दरअसल, लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बड़े शहरों से पैदल ही गांव के लिए पलायन कर दिए हैं। अनुपम खेर ने ऐसे ही मजदूरों के दुख को सामने लाने के लिए एक वीडियो शेयर किया, इसमें वह कविता पढ़ते दिखते हैं।
कविता में अनुपम ने यह लिखा

कविता में उन्होंने लिखा है, हो गया मजबूर इंसान दाने-दाने के लिए…चार कंधे भी नहीं अर्थी उठाने के लिए…छोड़कर आए पिछड़ा बोलकर जो गांव को …किस कदर मजबूर हैं वो गांव जाने के लिए…वे हमें पानी पिलाने को भी राजी नहीं…खून बनाया है हमने जिनके कारखाने के लिए….मौत बस तू ही बची है अब आजमाने के लिए…।

प्रवासी मजदूरों के लिए दुख जाहिर करना अनुपम खेर को पड़ा महंगाकोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच लोग कितना ज्यादा परेशान हुए हैं, ये तो आप सब अच्छे से जानते ही हैं, लेकिन ये समय सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों के लिए कठिन रहा है। जी हां, कई मजदूर लगातार भूखे प्यासे कई दिनों से पैदल अपने घरों की तरफ चलने के लिए मजबूर हैं जिनमें बच्चे,बूढों के साथ-साथ गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। अनुपम खेर ने भी प्रवासी मजदूरों पर एक कविता लिखकर चिंता जताई है। अनुपम खेर की ये कविता बेहद शानदार है लेकिन अनुपम खेर अपनी इस कविता की वजह से बहुत बुरी तरह ट्रोल हो गए हैं।

जी हां, अनुपम खेर के इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग उन्हें खरी खोटी सुना रहे हैं। अनुपम खेर अक्सर मौजूदा सरकार की तारीफ करते हैं जिसको लेकर लोगों नें उनको घेर लिया। लोगों का कहना है कि इस वीडियो में आपने पीएम नरेंद्र मोदी को टैग क्यों नहीं किया? एक यूजर ने लिखा- सरकार से सवाल करते कि उसने क्या किया इन गरीब मज़दूरों के लिए, तब लोगों को लगता कि चिन्ता है तुम्हे इन ग़रीबों की, यें तो ढोंग कर रहे हो। आइए देखते हैं यूजर्स ने अनुपम खेर के इस वीडियो पर क्या कुछ कहा है।

लोग अनुपम पर बरस पड़े
एक मिनट 13 सेकंड के इस वीडियो में अनुपम खेर ने यूं तो प्रवासियों के दुख को शब्दों में बहुत सही तरीके से पेश किया है। पर, जहां मजदूर इतने मजबूर हैं, मजदूरों की स्थिति देखी नहीं जा रही, वहां इस कविता पर लोग अनुपम खेर पर बरस पड़े।

अनुपम हुए ट्रोल

ऐसे निशाने पर लिया
एक यूजर ने लिखा, सरकार से सवाल करता कि उसने क्या किया इन गरीब मजदूरों के लिए, तब लोगों को लगता कि चिन्ता है इन गरीबों की। ये तो ढोंग है। एक अन्य यूजर ने लिखा, इस कविता के साथ मोदीजी को टैग करते तो हम मानते कि वास्तव में आपको मजदूरों की चिंता है।

कोरोनावायरस के चलते अनुपम खेर अपने घर में रहकर 21 दिन के लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस को अपनी हर एक एक्टिविटीज से रूबरू करा रहे हैं। अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर छोटी सी कविता लिखी है। अनुपम ने लिखा, “घर गुलजार, सूने शहर, बस्ती बस्ती मे कैद हर हस्ती हो गई, आज फिर जिंदगी महंगी और दौलत सस्ती हो गई।” इसके बाद अनुपम खेर ने एक वीडियो और शेयर किया है, जिसमें वो लॉकडाउन का पालन न करने वालों पर भड़कते हुए नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, अनुपम खेर का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो लोगों को ज़िंदगी की सीख देते हुए नजर आ रहे हैं।

यूजर्स ने नौटंकी तक दिया करार
एक अन्य यूजर ने भी बरसते हुए कहा, नौटंकी…घर से बाहर भी तो निकलो कभी। एक अन्य ने लिखा है, सरकार के खिलाफ कुछ मत बोलना वरना राज्यसभा की सीट खतरे में आ जाएगी। एक ने लिखा, बड़ी जल्दी श्रमिकों की याद आ गई आपको।

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