Categories: खास खबर

व्यंग्य: मैंने कहा था या नहीं कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा?

मैंने कहा था या नहीं कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा?

कभी नहीं कहा था। आप ऐसी गलत बात कह ही नहीं सकते।

और जब मैंने खाना शुरू किया तो किसी से कहा कि खा रहा हूं?

नहीं कहा था।

क्या खाने के समय यह घोषणा करना चाहिए कि मैं खा रहा हूं? क्या सनातन परंपरा के यह अनुरूप है? हम भारतीय चुपचाप खाते हैं या मुनादी करके खाते हैं ?

चुपचाप खाते हैं।

खाना गलत है या नहीं खाना गलत है ?

नहीं, खाना, खाना तो गलत नहीं है।

तो मैंने खाकर  गलत किया या सही किया?

भूखे थे तो गलत नहीं किया पर भूखे थे क्या?

चुप रहो। अच्छा आप ये बताओ कि जब आप  खाते हो तो क्या अकेले सबकुछ खुद खा लेते हो या अपनों के साथ मिलकर खाते हो?यानी खाते भी हो और खिलाते भी हो।

खाते भी हैं और खिलाते भी हैं।

मैंने 81 करोड़ जनता को पांच किलो अनाज खिलाया या नहीं खिलाया?

आप कौन खिलानेवाले?

ओ भाई चुप रह।निकालो इसे यहां से।अब ये बताओ कि क्या मैं अडानी- अंबानी को भी पांच किलो अनाज खिलाता तो वे खाते या मेरे मुंह पर मार देते?

आपके मुंह पर मार देते।

और आपको यह अच्छा लगता?

मौन।

बोलो कुछ।

मौन।

हमारे यहां सब काम सामने वाले की हैसियत देखकर किए जाते हैं या नहीं किए जाते हैं?

किए तो इसी तरह जाते हैं।

तो मैंने उनकी हैसियत देखकर, कुछ सरकारी संपत्ति उनके सुपुर्द कर, कुछ पचास साल की लीज पर देकर, उनके हजारों करोड़ के कर्ज माफ कर, अपनी कुर्सी पक्की करके, उनकी चाकरी ईमानदारी से करके,  गलत किया क्या? तुम भी खाओ और हमें भी खिलाओ का सिद्धांत गलत है या सही है?

गलत है।

कहो कि सही है।

नहीं, गलत है‌।

कहो कि सही है।

पहले हम हर बात में  हां कहते थे,  अब नहीं कहेंगे। हम गलत को ग़लत कहना सीख गए हैं।

यह गद्दारी है, यह देशद्रोह है। तुम जानते हो न मुझे?

हां आपको अब बहुत ही अच्छी तरह जानने लगे हैं और अपने आप को भी उतनी ही अच्छी तरह जानने लगे हैं।

मैं तुम्हारी नागरिकता छीन लूंगा।

छीनने की कोशिश करके  देखो तो। इतना आसान है सब क्या?

तुम मुझे चुनौती दे रहे हो? मुझे? जनता होकर तुम्हारी इतनी हैसियत कब से हो गई? सोच लो एक बार फिर अच्छी तरह से।

सोच लिया।

मैं तुम्हारा पांच किलो अनाज छीन लूंगा।

हम तुम्हारी अकड़ हमेशा -हमेशा के लिए छीन लेंगे।

आप समझो मेरी बात को। आप पहले की तरह फिर से अच्छे बच्चे क्यों नहीं बन जाते? मेरी हर बात में हां क्यों नहीं मिलाते?

अब हम बच्चे नहीं रहे।

बच्चे नहीं रहे तो आज तक मैंने तुम्हें जितना पांच

किलो अनाज दिया है, सबका सब ब्याज सहित वापस करो।

तुमने अपनी जेब से दिया था? है तुम्हारी हस्ती और है तुम्हारे सेठों की इतनी हैसियत? हमारा पैसा हमारि अनाज और हमीं से अकड़?

मैं जा रहा हूं। ये आए तो एक्स-रे करके तुम्हारे घर का सोना,धन सब छीन ले जाएंगे।

ऐसा होगा, तब देखा जाएगा। आप चिंता मत करो। वैसे हमारे पास छीनने के लिए है क्या?

तो मैं जाऊं?

जाओ।खुशी -खुशी जाओ। टिकट का पैसा पास में है या दें?

मैं फिर नहीं आऊंगा।

हमने तो इस बार भी तुम्हें नहीं बुलाया था। खुद ही सड़क के रास्ते हेलीकॉप्टर से आए थे।

मैं सचमुच जा रहा हूं।

सचमुच ही जाओ न बाबा, जाओ। हमेशा के लिए  जाओ। झूठ-मूठ मत जाना। झोला ले जाना।फट गया हो तो वो भी हमसे ले जाओ। नया दें?

स्वार्थी कहीं के? मतलबी? नरक में जाओगे।

हा हा हा।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago