Categories: बिज़नेस

Jio नहीं रतन टाटा ने बदला टेलीकॉम मार्केट, कॉल के साथ इंटरनेट भी कर दिया था सस्ता

नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन नवल टाटा अब हमारे बीच में नहीं हैं। ये खबर आपको शायद मोबाइल पर ही मिली होगी। अक्सर आप सुनते होंगे कि मुकेश अंबानी ने जियो लॉन्च कर देश के टेलीकॉम मार्केट को बदल दिया है। लेकिन ये काम रतन टाटा ने साल 2008 में ही कर दिया था।

टाटा ग्रुप का विस्तार करते हुए उन्होंने कई नए बिजनेस शुरू किए, जिनमें टाटा की टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज थी, जिसने डोकोमो के साथ मिलकर देश में आम लोगों के लिए मोबाइल कॉलिंग को सस्ता कर दिया था।

टाटा ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड (टीटीएल) और जापान की एनटीटी डोकोमो ने मिलकर भारत में टाटा डोकोमो कंपनी शुरू की। इस कंपनी के जरिए रतन टाटा देश में मोबाइल कॉलिंग को किफायती करना था। उस दौर में भारत में मोबाइल वॉइस कॉलिंग के लिए प्राइवेट कंपनियां करीब प्रति मिनट की दर से शुल्क ले रहे थे। ऐसे में टाटा डोकोमो अपने ग्राहकों के लिए प्रति सेकेंड शुल्क ले रहा था।

टाटा डोकोमो बदली टेलीकॉम की सूरत

टाटा डोकोमो ने 1 पैसा प्रति सेकंड वाला टैरिफ प्लान शुरू कर भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की सूरत बदल दी। इससे पहले टेलीकॉम कंपनी प्रति मिनट शुल्क वसूल रही थी। यानी अगर आप 10 सेकेंड बात करें या 59 सेकेंड आपको पूरे एक मिनट का भुगतान करना होता था। टाटा डोकोमो ने प्रति सेकेंड टैरिफ लाकर जितनी बात उतना भुगतान वाला बिलिंग सिस्टम लाकर भारतीय टेलीकॉम सेक्टर को पूरी तरह बदल दिया था।

प्रति मिनट बिलिंग वाले टैरिफ से टेलीकॉम कंपनियों का काफी मुनाफा होता था। ये रतन टाटा ही थे, जिन्होंने कंपनी का फायदा न देखते हुए आम लोगों के लिए किफायती बिलिंग सिस्टम देश में पेश किया था। इतना ही नहीं वे एसएमएस के लिए भी नए प्लान लाए, जो काफी पॉपुलर हुए थे। उस वक्त में मोबाइल इंटरनेट काफी महंगा था। टाटा ग्रुप की यह कंपनी पे-पर-साइट मॉडल लेकर आई थी। हालांकि, तब बहुत कम यूजर्स ही मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे।

रतन टाटा की फुल प्रूफ प्लानिंग के चलते कंपनी जल्द ही पॉपुलर हो गई। टाटा ग्रुप ने सिर्फ 5 महीने के अंदर 10 मिलियन से ज्यादा ग्राहक जोड़ लिए थे। इस कदम के बाद दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को भी अपने टैरिफ प्लान प्रति मिनट से बदलकर प्रति सेकेंड कर दिया था।

टेलीकॉम यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी

टाटा डोकोमो की भारत में एंट्री के बाद देश में मोबाइल कनेक्शन की संख्या एक साल में 29 प्रतिशत बढ़कर 43 फीसदी हो गई। साल 2009 में भारत में मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या 50 करोड़ थी, जो 2014 तक 80 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई थी।

कैसे पीछे छूट गई टाटा डोकोमो

टाटा डोकोमो के सस्ते प्लान से टेलीकॉम ऑपरेटरों की कमाई में भारी गिरावट आने लगी। बढ़ते यूजर बेस के चलते भी टेलीकॉम कंपनियों का रेवेन्यू उतनी तेजी से नहीं बढ़ा, जिसकी उम्मीद थी। इसका सीधा कारण इस सेक्टर में नियमित अपग्रेड होती टेक्नोलॉजी है। साल 2010 में जब 3G स्पेक्ट्रम की नीमाली हुई थी टेलीकॉम कंपनियों के लिए नेटवर्क का विस्तार और उनका अपग्रेडेशन महंगा हो गया। इसका असर टाटा डोकोमो पर भी पड़ा और जापानी कंपनी डोकोको ने जब भारत छोड़ा तो टाटा ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी दूसरी प्रतिद्वंद्वियों से पीछे रह गई।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago