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कांग्रेस के लिए चुनौती : इधर उद्धव उधर हेमंत नहीं मान रहे सीटों की डिमांड

नई दिल्ली। देश की राजनीति में मौजूदा साल काफी अहम है क्योंकि कई राज्यों में विधान सभा चुनाव हो रहे हैं। हरियाणा में एक बार फिर बीजेपी ने जीत दर्ज की तो जम्मू में उमर अब्दुल्लाह सीएम बन गए है।

दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन औसत कहा जायेगा। हरियाणा में कांग्रेस जीत से काफी दूर रह गई। ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक दोनों ही राज्यों में कांग्रेस सहयोगियों के सहारे है लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर आम सहमति तक नहीं बन सकी है जबकि स्थानीय नेताओं ने अभी तक तालमेल नहीं बैठाया है।

झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस को वहां की सहयोगी पार्टियां ज्यादा सीट देने से साफ मना कर चुकी है। हरियाणाा में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और सहयोगियों को नजरअंदाज किया जिस वजह से हरियाणा में एक बार कांग्रेस को मायूसी हाथ लगी। इस वजह से हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस को ज्यादा सीट देने को हेमंत सोरेन और ठाकरे तैयार नहीं है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद) पवार के साथ चुनाव लड़ने को तैयारी में है जबकि झारखंड में लालू यादव की पार्टी आरजेडी और हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन में शामिल है।

जानकारी के मुताबिक जेएमएम 43 सीटों पर ही चुनाव लडऩे का फैसला किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन इस बार थोड़ा बदलाव हो सकता है और कांग्रेस 29 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी।

वहीं आरजेडी को इस बार सिर्फ पांच सीटें देने की बात सामने आ रही है। ये बदलाव गठबंधन में नया सहयोगी दल माले की वजह से किया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने नेताओं को आपसी कलह से बचने और एकजुट होकर चुनाव लड़ने को कहा है।

दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना(यूबीटी) के बीच अब तक सहमति नहीं बन सकी है लेकिन अब उम्मीद है कि जल्द इस मामले को सुलझा लिया जायेगा क्योंकि उद्धव ठाकरे की पार्टी अब सीधे सीट शेयरिंग का डील कांग्रेस हाईकमान से करेगी।

कहा तो ये भी जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेता संजय राउत राहुल गांधी से मिलकर इस मामले को जल्द सुलझा लेंगे। संजय राउत ने इस बारे में मीडिया को बताया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सीट शेयरिंग कोई ठोस नतीजे पर पहुंच पा रहे हैं। दूसरी तरफ नामांकन की तारीख नजदीक आ गई है।

इस वजह से समय गवांये बगैर सीधे सीट शेयरिंग को लेकर सीधे राहुल गांधी से बात की जायेंगी। इसके साथ ही ाउत ने इसको लेकर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी इस मुदद्े पर चर्चा की है।

महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर शुक्रवार देर रात अमित शाह के घर NDA के घटक दलों की ढाई घंटे बैठक चली। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी CM अजित पवार शामिल हुए। बैठक में राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर भाजपा, शिवसेना शिंदे और NCP अजित गुट में सहमति बन गई है।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा 155, शिवसेना शिंदे गुट 78 और NCP अजित पवार गुट 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। बैठक में छोटी पार्टियों को भी कुछ सीटें दिए जाने पर सहमति बनी। कुछ सीटों को लेकर पेंच अमित शाह के निर्देश के बाद राज्य स्तर पर सुलझाया जाएगा।

दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद दोनों उप मुख्यमंत्री, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार महाराष्ट्र लौट आए हैं, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अभी भी दिल्ली में होने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा को अपने कोटे से छोटी पार्टियों को सीट देनी है। किसी पार्टी के पास जिताऊ उम्मीदवार नहीं होने की स्थिति में 5 जगह प्लस-माइनस किया जा सकता है।

अमित शाह के घर 2 घंटे तक चली मीटिंग में CM एकनाथ शिंदे के अलावा डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी CM अजित पवार भी शामिल हुए। (फाइल)

भाजपा आज 106 नामों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति के बाद संभावना है कि भाजपा आज 106 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। इनमें लगभग वो सीटें होंगी जहां पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव लड़ेंगे। इनमें देवेंद्र फडणवीस जैसे नाम शामिल हैं।

राज ठाकरे के बेटे भी चुनाव लड़ सकते हैं

तस्वीर 19 मार्च 2024 की है। तब राज ठाकरे और उनके बेटे अमित ठाकरे ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। अमित ठाकरे के लिए मुंबई के माहिम और भांडुप पश्चिम विधानसभा सीट का जायजा लिया जा रहा है। माहिम सीट से शिंदे सेना के सदा सरवणकर मौजूदा विधायक हैं। भांडुप पश्चिम विधानसभा सीट पर ठाकरे सेना के रमेश कोरगांवकर मौजूदा विधायक हैं।

अगर MNS माहिम विधानसभा सीट से अमित ठाकरे को उतारती है तो शिवसेना(UBT) इस सीट से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने पर विचार कर सकती है। 2019 विधानसभा चुनाव में जब आदित्य ठाकरे पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब MNS ने वर्ली सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।

2024 लोकसभा चुनाव में MNS के समर्थन की वजह से महायुति के उम्मीदवार राहुल शेवाले को माहिम विधानसभा सीट पर करीब 14 हजार की लीड मिली थी। इसलिए भी MNS को लग रहा है कि अमित ठाकरे के लिए माहिम विधानसभा सीट सुरक्षित हो सकती है।

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