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डोनाल्ड ट्रंप की जीत से किस वर्ल्ड लीडर का बढ़ेगा दबदबा तो किसके लिए खतरा

वॉशिंगटन: रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। चार साल बाद वॉइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी कई मायनों में खास है। वह साल 1892 के बाद अमेरिका के पहले राष्ट्रपति हैं जो एक चुनाव हारने के बाद वॉइट हाउस में वापसी कर रहे हैं। अमेरिकी इतिहास में ऐसा करने वाले दूसरे राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार जोर दिया था कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति की प्राथमिकता देंगे और दूसरे देशों की ताकत के आधार पर संबंधों का आकलन करेंगे। ट्रंप का इरादा सााफ है कि उनकी दुनिया में या तो कोई दोस्त है या फिर दुश्मन। विश्व नेताओं के लिए भी उनकी यही नीति होने वाली है। आइए देखते हैं कि उनकी जीत के विश्व के प्रमुख नेताओं के लिए क्या मायने हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी को प्रधानमंत्री मोदी के लिए सकारात्मक घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम मोदी का पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मजबूत रिश्ता रहा है। चुनाव से पहले दिवाली पर संदेश में डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को दोस्त बताया था। दोनों नेता पहले भी एक दूसरे की तारीफ करते रहे हैं।

वॉइट हाउस में ट्रंप की वापसी के बाद भी पीएम मोदी को अनुकूल स्थिति का लाभ मिलना जारी रहने की संभावना है, क्योंकि ट्रंप की नीतियों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना शामिल है। ट्रंप ने रूस के साथ शांति वार्ता को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है, जिससे नई दिल्ली को मॉस्को के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने में मदद मिल सकती है, जो ऊर्जा और रक्षा के मामले में भारत का प्रमुख साझेदार है।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए ट्रंप की वापसी सुखद संकेत है। निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ नेतन्याहू के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, जो सार्वजनिक रूप से भी जाहिर हुए थे। डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से इजरायल को अमेरिकी समर्थन के मजबूत होने की उम्मीद है। इसके पहले बाइडन ने फिलिस्तीनी नागरिकों पर हमले को लेकर हमास के खिलाफ अभियान में इजरायल को कुछ सैन्य सहायता रोक दी थी। ट्रंप से उम्मीद की जा रही है कि वे ईरान के खिलाफ नेतन्याहू के रुख का समर्थन करेंगे।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी रूसी नेता के लिए पश्चिमी विभाजन का यूक्रेन में अधिक लाभ उठाने की योजना है। डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप के विरोध का संकेत दिया है। हालांकि, उनके चौंकाने वाले फैसलों ने क्रेमलिन में चिंताएं बढ़ा दी हैं। ट्रंप हमेशा कहते रहे हैं कि अगर वे होते तो यूक्रेन में युद्ध कभी शुरू ही न होता। ऐसे में क्रेमलिन को लेकर डर है कि ट्रंप जल्द ही पुतिन पर समझौता करने के लिए संघर्ष बढ़ा सकते हैं। इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

तुर्की के रेचेप तैयप एर्दोगान

ट्रंप की वापसी से तुर्की को अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद है। एर्दोगान और ट्रंप के बीच दोस्ताना संबंध रहे हैं और अक्सर फोन पर बात करते हैं। एर्दोगान ट्रंप को संबोधित करते हुए उन्हें ‘मेरे मित्र’ कहते हैं। ऐसे में बाइडन प्रशासन के विपरीत डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से एर्दोगान को वॉइट हाउस तक सीधी पहुंच मिल सकती है। ट्रंप का युद्ध विरोधी रुख और व्यापार पर फोकस एर्दोगान के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इजरायल को लेकर उनके बयानबाजी तनाव पैदा कर सकती है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

ट्रंप की जीत शी जिनपिंग के लिए मुश्किल समय में आई है। चीनी सामानों पर 60 प्रतिशत का व्यापक टैरिफ लगाने की धमकी अमेरिका के साथ व्यापार को तबाह कर सकती है। यह चीन की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी हो सकता है। हालांकि, कुछ सकारात्मक बातें भी हैं। एलन मस्क इस चुनाव में ट्रंप के बेहद करीबी होकर उभरे हैं। वहीं, मस्क के साथ चीन के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठाया था, यह चीन को पसंद आ सकता है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख बनाया था। तब डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने वाली अरबों डॉलर की आर्थिक सहायता रोक दी थी। यही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में तालिबान से बैकडोर डील करके अमेरिकी सेनाओं की वापसी सुनिश्चित की। आज तालिबान शासन पाकिस्तान के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भी पाकिस्तान को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के लिए ट्रंप की वापसी अमेरिका के साथ लंबे समय से प्रतीक्षित सुरक्षा समझौते के प्रयासों को पुनर्जीवित करने का मौका होगी। ट्रम्प ने इजरायल और अरब देशों के बीच राजनयिक संबंध शुरू करने वाले महत्वपूर्ण अब्राहम समझौते की नींव रखी थी। उम्मीद की जा रही है कि वे इसमें सऊदी अरब को भी शामिल करने के लिए काम करेंगे। अगर डोनाल्ड ट्रंप इजरायल और सऊदी अरब के बीच संबंध बहाल करने में सफल होते हैं तो इसके अमेरिका के लिए सऊदी अरब को सुरक्षा सहायता देने का रास्ता सपा हो सकता है।

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