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चुनाव में ओबीसी-ओबीसी करती रही कांग्रेस, मंत्री बनाने में कर दिया खेल

रांची। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग (OBC) को आगे रखकर राजनीति शुरू की है। राहुल गांधी अपनी सभाओं से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक में इसकी हिमायत करते नजर आते हैं। वे जाति पूछने से भी परहेज नहीं करते और जातीय जनगणना की भी दुहाई देते हैं, लेकिन झारखंड में गुरुवार को हुए मंत्रिमंडल के विस्तार में कांग्रेस ने ओबीसी कोटे से एक विधायक को मंत्री नहीं बनाया।

कथनी और करनी में अंतर

झारखंड कैबिनेट में ओबीसी कोटे से एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद अब राजनीतिक गलियारों में भी इसकी चर्चा तेज हो गई है। इसे पार्टी की कथनी और करनी में अंतर के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि इससे पार्टी की इमेज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यही नहीं इससे पार्टी की आगे की राजनीति भी प्रभावित होगी।

मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस ने ओबीसी को छोड़कर अन्य सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व दिया है। पार्टी को मंत्रिमंडल विस्तार में चार पद मिले हैं, जिसमें दो महिला विधायकों का भी नाम शामिल है। दल के भीतर अब इसे लेकर आवाज उठाने की भी तैयारी है, जबकि गठबंधन के घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद ने ओबीसी विधायकों को अपने कोटे के मंत्रियों में जगह दी है।

पार्टी द्वारा इन 4 विधायकों को बनाया गया मंत्री

  1. राधाकृष्ण किशोर
  2. इरफान अंसारी
  3. दीपिका पांडेय सिंह
  4. शिल्पी नेहा तिर्की

पूर्व में रही हिस्सेदारीइससे पहले मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से मंत्रियों में ओबीसी से हिस्सेदारी रही है। पूर्व में बन्ना गुप्ता को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

मंत्री की रेस में था इन दो विधायकों का नाम

  • पोड़ैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव को लेकर संभावना जताई जा रही थी कि वे मंत्री बनाए जा सकते हैं। प्रदीप यादव छठीं बार विधायक बने हैं। वे कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रह चुके हैं। उनकी छवि तेज-तर्रार विधायक की है।
  • रामगढ़ की विधायक ममता देवी भी ओबीसी वर्ग से हैं। वह दूसरी बार निर्वाचित हुईं हैं।

भाजपा को निशाना साधने का मिला मौका

किसी ओबीसी को कांग्रेस कोटे से मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और प्रदेश प्रभारी डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि राहुल गांधी की कथनी और करनी में अंतर है। झारखंड कैबिनेट में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम से यह स्पष्ट हो गया है। अब देश की जनता को देख लेना चाहिए कि हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और हैं।

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