पटना। बिहार में BPSC की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार की सुबह करीब 3-4 बजे के बीच में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स पटना में भर्ती कराया गया। एम्स, पटना कर बाहर उनके समर्थकों की भीड़ लग गई थी।
समर्थक एंबुलेंस को अंदर जाने नहीं दे रहे थे। काफी संख्या में महिला समर्थक भी थीं। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर एंबुलेंस को अंदर ले जाने में सफल रही।
जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर ने किसी भी तरह की जांच और अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया है। वहीं डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में किसी भी तरह की चिंता की बात से इनकार किया है।
बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वहीं, इसे लेकर अब दूसरी पार्टियों के रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं। आइए जानते हैं लेटेस्ट अपडेट…
प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कोर्ट में पेश किया जाएगा। गांधी मैदान थाना में पीके के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गांधी मैदान धरना देने के लिए प्रतिबंधित है। गर्दनीबाग धरना स्थल पर जाने के लिए प्रशासन ने नोटिस दिया था, जिसके बाद कार्रवाई की गई।जिलाधिकारी ने बताया कि 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 15 गाड़ियों को सीज किया गया है। 43 में से 30 लोगों का वेरीफिकेशन किया है। 4 लोग राज्य से बाहर हैं केवल 5 लोग पटना के हैं। बचे हुए लोग प्रदेश के अन्य जिलों से हैं।
पुलिस ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। आज संभवतः प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। समर्थक और बीपीएससी अभ्यर्थी जमा नहीं हो जाएं, इस कारण पुलिस उनके लोकेशन को बदल रही है।फिलहाल पटना से सेट नौबतपुर ब्लॉक के पिपलावा पुलिस स्टेशन में रखा गया है। आसपास किसी वाहन या व्यक्ति को जाने नहीं दिया जा रहा है। वाहनों की सघन चेकिंग चल रही है।
प्रशांत किशोर को हिरासत में लिए जाने पर जन सुराज प्रवक्ता मनोज बैठा ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमारे नेता को 3 बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद कहा गया कि उन्हें एम्स ले जाकर मेडिकल कराया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।पटना पुलिस पिछले 5-6 घंटे से उन्हें इधर से उधर घुमा रही है। बिहार की नीतीश सरकार संविधान भूल चुकी है, मानवता भूल चुकी है। इन्हें पता है कि इनके सिस्टम में गड़बड़ी है। अगर प्रशांत किशोर को छोड़ दिया गया तो धांधली सामने आ जाएगी। इसी लिए उन्हें इधर से उधर घुमाया जा रहा है।
प्रशांत किशोर की जिस वैन को लेकर विवाद हो रहा था, गिरफ्तारी के बाद उसे शहर की पुलिस जिला परिवहन कार्यालय में ले आई है।
पटना में प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि यह खा-पीकर किया गया एक वीआईपी विरोध-प्रदर्शन था।ये छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी सियासत चमकाने का प्रयास कर रहे थे। अब तो सरकार और ये (प्रशांत किशोर) पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, दोनों ही पूरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं।सरकार से मिलीभगत थी। उसके ही संरक्षण में ये बीते चार दिनों से नाटक किया जा रहा था। पुलिस-प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं, जब गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र था तो वहां बैठने की इजाजत क्यों दी?पहले ही दिन क्यों नहीं हटाया? ये सरकार के द्वारा प्रायोजित आंदोलन छात्र और लोग भी समझ रहे हैं। बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन को बदनाम कर दिया। उनके भविष्य को अंधकार में कर दिया। छात्र-नौजवान कभी माफ नहीं करेंगे।
तिवारी ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव छात्रों-नौजवानों के भविष्य को बचाने के लिए, न्याय दिलाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे और उनकी चिंता कर रहे हैं।आगे उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का राज कायम हो गया है। अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है।क्राइम बुलेटिन जारी करके तेजस्वी सरकार को आईना दिखा रहे हैं। सरकार नाम की कोई चीज नहीं है बिहार में। कानून-व्यवस्था फेल है। शासन-प्रशासन का इकबाल समाप्त हो गया है।
इससे पहले सूचना मिल थी कि एम्स से जांच के उपरांत उन्हें एंबुलेंस से प्रशासन कहीं और लेकर जा रही है। एंबुलेंस के पीछे काफी संख्या में उनके समर्थक भी गाड़ी से हैं।बिहटा में कहीं उनको रखने की सूचना मिल रही है। धुंध काफी होने के कारण उनकी गाड़ी को ट्रेस करने में समर्थकों को परेशानी हो रही हैं।
पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से एम्स ले जाकर अनशन तुड़वाने का प्रयास किया। अनशन तुड़वाने में विफल होने पर प्रशासन, प्रशांत किशोर को नए जगह पर ले जाने की कोशिश कर रही है। एम्स के बाहर प्रशांत किशोर को देखने उमड़ी भीड़ पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया।
जनसुराज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके पटना पुलिस पर जबरन अनशन तुड़वाने का आरोप लगाया है। जन सुराज ने X पर पोस्ट किया कि ‘पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से एम्स ले जाकर अनशन तुड़वाने का प्रयास किया। अनशन तुड़वाने में विफल होने पर प्रशासन, प्रशांत किशोर को नए जगह पर ले जाने की कोशिश कर रही है। एम्स के बाहर प्रशांत किशोर को देखने उमड़ी भीड़ पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया।’
#WATCH | Bihar: Supporters of Jan Suraaj chief Prashant Kishor says, “The spectacles of Prashant Kishor were thrown when he was being detained. When I went to take it, I was injured and they abused me. We have no idea where Prashant ji has been taken…” https://t.co/7GZQxhUXAz pic.twitter.com/scfPU7bjEo
जन सुराज के समर्थक ने कहा कि ‘प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के दौरान उनका चश्मा पुलिस द्वारा फेंक दिय गया। उसे उठाने के दौरान मुझे चोट भी आई है।साथ ही पुलिस द्वारा मेरे साथ साथ गाली-गलौच की गई। समर्थक ने कहा कि हमें नहीं पता कि प्रशांत जी को कहां ले जाया गया है।”
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