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गंभीर लापरवाही और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करता है दिल्ली हादसा

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। इस हादसे में 18 लोगों की मृत्यु और कई अन्य घायल हुए हैं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूँ। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह घटना रेलवे प्रशासन की गंभीर लापरवाही और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है। प्रयागराज महाकुंभ के लिए यात्रियों की भारी भीड़ की संभावना के बावजूद, स्टेशन पर उचित प्रबंधों का अभाव स्पष्ट है। सरकार और प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों, और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि हो।


मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि शनिवार शाम से ही स्टेशन पर भीड़ लगातार बढ़ रही थी मगर वहां पर न तो रेलवे की तरफ से और न ही रेलवे पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए थे। इन प्लेटफार्म पर इक्का-दुक्का ही पुलिस वाले नजर आ रहे थे, जबकि जिस तरह से भीड़ वहां बढ़ रही थी तो हर प्लेटफार्म पर कम से कम 30 से 40 पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए थे, वहीं रेलवे के कर्मचारी भी नदारद थे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि रेलवे के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं थे बावजूद इसके धडाधड़ टिकट काटे जा रहे थे। ट्रेन में इतने यात्री बैठने की सुविधा नहीं थी उससे दुगने टिकट काटे गए जिसके कारण ही स्टेशन पर भीड़ का दवाब बना। कुमारी सैलजा ने कहा कि सवाल यह उठता है कि रेलवे विभाग और रेलवे पुलिस को यह जानकारी कैसे नहीं हो सकी कि रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो चुकी है। लापरवाही का आलम यह भी रहा कि जो लोग इस घटना में घायल हुए थे, उनको अस्पताल पहुंचने में भी काफी देरी हुई, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध थी जबकि इस माहौल में वहां पर एंबुलेंस की संख्या नहीं बढ़ाई गई।

कुमारी सैलजा ने कहा है कि हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन को कोई खबर तक नहीं थी। प्रशासन की भी नींद तब खुली जब लोकनायक पहुंचे घायलों में 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। स्टेशन पर जब हादसा हुआ तो यात्री और कुलियों ने ही सबसे पहले बचाव कार्य शुरू किया बाकी टीमें बाद में पहुंची। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार ने इस प्रकार के रेल हादसों से कोई सबक नहीं लिया, सरकार और रेलवे विभाग को अच्छी तरह से पता है कि महाकुंभ को लेकर हर स्टेशन पर भीड़ का दवाब बढ़ रहा है, रेलवे को इसे लेकर कदम उठाने चाहिए थे पर ऐसा नहीं हुआ। रेलवे की ओर से इस प्रकार की व्यवस्था की जानी चाहिए थी कि जिसके पास टिकट हो बस उसे ही प्लेटफार्म तक जाने देना चाहिए। भीड़ को देखते हुए रेलवे को पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए थी, पर व्यवस्था प्रबंधन में रेलवे पूरी तरह से नाकाम रहा। साथ ही कुमारी सैलजा ने श्रद्धालुओं से एक अपील में कहा कि वे भी धैर्य बनाए रखे और अपनी जान को जोखिम में न डाले।

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