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गंगा में नहाने उतरा लड़का डूबा, बचाने उतरे चार दोस्तों ने भी गंवाई अपनी जान

वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को गंगा में नहाते वक्त पांच किशोर डूब गए। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से पांचों के शव बरामद किए। किशोर गढ़ही के रहने वाले थे। बीते साल भी इसी जगह नदी में स्नान करते वक्त पांच में से 3 किशोर की डूबकर मौत हो गई थी।

रामनगर थाना क्षेत्र के वारी गढ़ही निवासी तौसीफ (20 वर्ष), फरदीन (14 वर्ष), शैफ (15 वर्ष), रिजवान (15 वर्ष) और सकी (14) शुक्रवार सुबह घर से एक किमी दूर सिपहिया घाट पर गंगा किनारे घूम रहे थे। पांचों ने पहले रेत पर टिकटॉक वीडियो बनाया। इसके बाद गंगा नदी में नहाने उतर गए। इसी दौरान एक का पैर फिसला तो वह गहराई में चला गया। उसे बचाने में अन्य चार भी डूब गए। यह देख आसपास वालों ने शोर मचाते हुए मदद के लिए अपने कदम बढ़ाए। पुलिस को भी सूचना दी गई।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद ली और पांचों के शव नदी से बाहर निकाल लिए गए हैं। इसके बाद सभी को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि बच्चों के परिजन बुनकरी का काम करते हैं। सुबह ही पांचों घर से कुछ काम की कहकर निकले थे। परिजनों के मुताबिक लॉकडाउन में गंगा स्नान की बात बच्चों ने घर वालों से नहीं बताई थी।

मोहम्मद सैफ के भाई आफताब और तौसीफ के जिगरी दोस्त आसिफ से बात की। आसिफ ने बताया कि कल (गुरुवार) शाम को मैं और अंबिकेश, रिजवान के साथ तौसीफ के घर गया था। यहां हमने ईद की सेवइयां खाई थीं। उस पल को यादगार बनाने के लिए एक सेल्फी ली थी। अब वही सेल्फी हमारी दोस्ती की आखिरी निशानी है।

ईद को यादगार बनाने के लिए ली थी सेल्फी
आसिफ ने बताया कि तौसीफ बुनकरी का काम करता था। कक्षा 8 तक हम दोनों साथ ही पढ़े थे। गुरुवार को उसने अपने घर बुलाया था। बोल रहा था कि लॉकडाउन चल रहा है, इस बार ईद पर कहीं घूमने भी नहीं जा पाए। इसके बाद हमने सेल्फी ली और बोला था कि ये पल यादगार रहेगा कि घर में ही ईद मनानी पड़ी।

आसिफ।

 

आसिफ ने बताया कि गुरुवार को ही तौसीफ जिद कर रहा था कि सभी लोग गंगा नहाने चलते हैं। मैंने उसे मना किया था कि ये समय ठीक नहीं है। घर पर ही नहाओ, लेकिन मना करने के बाद भी नहीं माना। आज सुबह तौसीफ, फरदीन, सैफ, रिजवान और लकी नहाने चले गए। मोहल्ले के हाजी साहब ने मना किया, फिर भी नहीं माने सब। शायद मौत उन्हें वहां तक खींचकर ले गई। मृतक सैफ (15 वर्ष) के भाई आफताब ने बताया कि बच्चे टहलने जाते थे। लेकिन, कभी गंगा में नहाते नहीं थे। शायद किस्मत खराब थी कि आज नहाने लगे और घटना घट गई। सैफ पढ़ाई भी करता था। मदरसे में कक्षा 8 में पढ़ता था। मजदूरी करके परिवार चलता है। हम 9 भाई हैं। सैफ चौथे नम्बर का था।

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