राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आप ने की आग लगाने की शुरूआत, कांग्रेस ने उसमें घी डालने का किया काम
लखनऊ। राजनीति में एक दूसरे को नीचा दिखाने, कुछ दलों में राष्ट्रीय भावना के अभाव ने यूपी में कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ा दिया। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली ने यूपी में कोरोना को खाद-पानी देने में अहम भूमिका निभाई। इस घटिया राजनीति की शुरूआत हुई दिल्ली से जब रात को आनंदबिहार से यूपी के लिए बस जाने की अफवाह फैला दी गयी और वहां हजारों की भीड़ लॉकडाउन के बीच ही लग गयी। पुलिस भी देखती रह गयी।
यदि लॉक डाउन की प्रथम की बात करें तो याद होगा, लॉक डाउन लगने के बाद सभी दलों ने बाहरी एकजुटता दिखाने की कोशिश की लेकिन अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी।
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी का कहना है कि मौत के बाद भी तेरह दिन तक लोग क्रियाक्रम में लगे रहते हैं और दुश्मन भी उस दौरान सहानुभूति ही दर्शाता है लेकिन यहां विपक्ष एक सप्ताह भी मौन नहीं रह सका। महामारी भी मौत से कम नहीं है। उस दौरान यूपी में अभी पश्चिमी यूपी तक ही संक्रमण सीमित था। उसी दौरान एक दिन अचानक एनसीआर और दिल्ली के हजारों लोग आनंद बिहार बस अड्डे पर पहुंच गये।
राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि आखिर बस मिलने की अफवाह किसने उड़ाई। लोग 50 किमी तक लाक डाउन की स्थिति में पैदल चलकर आनंद बिहार पहुंच गये। उसे रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गयी। राजीव रंजन सिंह बताते हैं कि यूपी में योगी सरकार की सक्रियता विपक्ष की खलने लगी। यही कारण रहा कि महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर लोग हजारों किमी तक यात्रा करते रहे लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। प्रियंका वाड्रा को यूपी में मजदूर तो दिख रहे थे लेकिन महाराष्ट्र में उनकी ही पार्टी के समर्थन से बनी सरकार द्वारा वहां से दुर्दशा कर मजदूरों को भेजा जाना नहीं दिखा।
राजीव रंजन सिंह का कहना है कि हद तो तब हो गयी जब राजस्थान से बस से आ रहे मजदूरों को भरतपुर में उतारकर डाले में ठूस दिया गया। वहां से औरेया आकर वे हादसे के शिकार हो गये। इसके बावजूद प्रियंका वाड्रा को राजस्थान सरकार की गलती नहीं दिखी और उस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने घायलों की देखभाल करने वाले योगी सरकार पर उन्होंने सवाल उठाना शुरू कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार विजय पांडेय का कहना है कि शिव सेना तो यूपी व बिहार का हमेशा विरोध करते आयी है लेकिन इस बार कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की भूमिका से भी लोग अवगत हो गये हैं। ये लोग सिर्फ राजनीति करते रहे और भीतरघात कर यहां कोरोना का संक्रमण कैसे बढ़े, इसकी भूमिका बनाते रहे। यह बता दें कि वर्तमान में यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोज वृद्धि हो रही है। इसमें सर्वाधिक बाहर से आये प्रवासी मजदूर ही संक्रमित हैं।