नई दिल्ली। कांग्रेस ने चीनी सैनिकों द्वारा भारत में घुसपैठ के दुस्साहस पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी पार्टी ने कहा कि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है और केंद्र सरकार को चाहिए कि वो देश को विश्वास में लेकर लोगों की चिंताएं दूर करें। सरकार बताए कि इस संकट से निपटने के लिए रणनीतिक तैयारियां की है और क्या कारगर कदम उठाए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चीनी सेना द्वारा लद्दाख और सिक्किम में तीन स्थानों पर भारतीय सीमा में घुसपैठ समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी हुई हैं। तथाकथित तौर से ये घुसपैठ लद्दाख में गलवान नदी वैली और पैंगोंग त्सो झील के इलाके में हुई है। सुरक्षा विशेषज्ञों और सेना के जानकारों की मानें तो गलवान नदी वैली में चीन की घुसपैठ से ‘डर्बुक-श्योक-डीबीओ रोड’ को खतरा उत्पन्न हो जाएगा, जो उत्तर के इलाके में तथा काराकोरम दर्रा के नज़दीक भारतीय सेना के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील और गलवान पहाड़ियों के आसपास के क्षेत्र में चीन ने सेना बढ़ाई है। इसी कारण भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें भी हुई। ये एक राष्ट्र के लिए गंभीर विषय है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से अपील करती है कि देश को भरोसे में लेते हुए सारी स्थितियों से अवगत कराएं। साथ ही दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा रेखा (एलएसी) के विषय में भी स्पष्टिकरण देना चाहिए।
सुरजेवाला ने केंद्र की मोदी सरकार से भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सवाल भी किए हैं। उन्होने पूछा है कि क्या चीनी सेनाओं ने गलवान नदी वैली और पैंगोंग त्सो झील इलाकों इलाकों पर कब्जा कर लिया है। क्या उन्होंने चीन सेना द्वारा स्वीकारे सीमा को पार कर सैकड़ों टैंट, कंक्रीट स्ट्रक्चर व लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल के पास सड़क बना ली है। इसी प्रकार पैंगौंग सो लेक के उत्तरी तट पर भी सड़क निर्माण किया है। क्या ये सही है कि पैंगौंग सो लेक के पास फिंगर हाई चीनी सेना के कब्जे में है।
सरकार बताए कि क्या गलवान नदी वैली में चीनी घुसपैठ से से ‘डर्बुक-श्योक-डीबीओ रोड’ संचालन का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता की महत्वपूर्ण चुनौतियों से पार पाने के लिए मोदी सरकार ने क्या रणनीतिक तैयारियां की हैं और क्या कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर मोदी सरकार ने एलएसी पर बिगड़ते हालात का विवरण देशवासियों के साथ साझा क्यों नहीं किया। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस संकट को कूटनीतिक तौर पर सुलझाने का बयान दिया हुआ है।
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