कानपुर और लखनऊ में मेट्रो कार्यों की गति बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने कानपुर और लखनऊ में मेट्रो निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने के लिए तेजी से योजनाबद्ध ढंग से कार्य शुरू कर दिया है। यूपीएमआरसीएल कानपुर और लखनऊ में मेट्रो का निर्माण कार्य लॉकडाउन के पहले से करा रहा है। लॉकडाउन के पहले मेट्रो निर्माण कार्य बेहद तेजी से हो रहा था। लेकिन, लॉकडाउन में यह पूरी बन्द हो गया था। लॉकडाउन में छूट मिलने पर लखनऊ में मेट्रो डिपो के निर्माण की वजह से तोड़ी गई पीएसी की बैरक की जगह अब नई बैरक बनाने का काम तेजी से हो रहा है। पहले इस कार्य के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे।

लॉकडाउन के पहले कानपुर में मेट्रो निर्माण कार्यों को दो वर्ष में पूरा करने के लिए समय निर्धारित किया गया था। लेकिन, यूपीएमआरसीएल ने इसे डेढ़ वर्ष में पूरा करने की तैयारी की थी। हालांकि यूपीएमआरसीएल के अरमानों पर लॉकडाउन ने पूरी तरह से पानी फेर दिया है।

लॉकडाउन में निर्माण कार्य कराने की छूट मिलने के बाद से अब तक यूपीएमआरसीएल ने आईआईटी कानपुर से कल्याणपुर तक पाइल्स, पाइल कैप्स और पिलर बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। कानपुर के प्राथमितकता वाले कॉरिडोर में कुल 931 पाइल्स, 87 पाइल कैप्स और 69 पिलर का निर्माण कार्य यूपीएमआरसीएल ने पूरे मजदूर न मिलने के बावजूद पूर्ण कर लिया है।
फिलहाल अब कानपुर मेट्रो परियोजना को पूरा होने में कितना समय लगेगा, इसका आकलन नहीं हो पाया है। मेट्रो निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों के अनुसार जब तक पूरे मजदूर नहीं मिल पाते, तब तक काम पूरा होने की नई तिथि निर्धारित नहीं की जा सकती है।

यूपीएमआरसीएल के प्रबन्ध निदेशक कुमार केशव ने शनिवार को बताया कि लॉकडाउन और जनता कर्फ्यू की घोषणा होने से पहले आईआईटी कानपुर से मोती झील के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर सिविल निर्माण कार्य प्रगति पर था। गत 15 मई से जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद फिर से काम शुरू किया गया है।

यूपीएमआरसीएल ने अब कानपुर और लखनऊ के सभी मेट्रो कार्यों को पहले जैसी गति देने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल वर्तमान परिस्थिति में लॉकडाउन के पूर्व के सिविल निर्माण की गति हासिल कर पाना अभी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। लेकिन, हर दिन मेट्रो के इंजीनियर व अधिकारी मेट्रो निर्माण कार्य में पूर्व की गति हासिल करने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। इसमें मेट्रो अभियंताओं की दूरदर्शिता, तैयारी और नियोजित तरीके से किये गये प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान है।

मेट्रो निर्माण कार्यों में मजदूरों की कमी दूर करने के लिए अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी कामगारों को कार्यदायी संस्थाएं काम में लगा रही हैं। इससे आने वाले दिनों में मेट्रो निर्माण कार्यों में मजदूरों की कमी दूर हो सकती है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के पहले कानपुर और लखनऊ में सभी मेट्रो कार्य निर्बाध गति से हो रहे थे। लेकिन, लॉकडाउन में निर्माण कार्य में लगे मजदूर अपने-अपने घरों में चले गये हैं। इसलिए मेट्रो निर्माण कार्य के लिए अभी तक जितने मजदूर चाहिए, उतने नहीं मिल रहे हैं।

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