लखनऊ। योगी सरकार में एक बार सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। धूमनगंज थानाक्षेत्र में उमेश पाल के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने बम और गोली से उन पर हमला किया। इसकी जानकारी पुलिस ने दी है। अब इस मामले में पुलिस ने बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के घर से सात लोगों को हिरासत में लिया है।
हिरासत में लिए गए सात लोगों में अतीक अहमद के दो बेटे भी शामिल हैं। अतीक अहमद के बेटे एहजम और आबान भी हिरासत में लिए गए हैं। हिरासत में लिया गया अतीक का एक बेटा 12वीं क्लास और दूसरा नौवीं क्लास का छात्र पढ़ता है।
उमेश पाल दिनदहाड़े हत्याकांड ने एक बार फिर बाहुबली अतीक अहमद के दौर की याद ताजा कर दी है। कुछ इसी तरह करीब से 18 साल पहले विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। उन पर भी एक बार नहीं, बल्कि दो बार घेर कर वार किया गया था। शुक्रवार को घर के पास गाड़ी से उतरते ही उमेश पाल पर गोलियों की बौछार कर दी। घर, गाड़ी पर बम से हमला किया गया। पूरा इलाका इस वारदात से दहल उठा।
उमेश पाल ने बीति दिनों पुलिस पुलिस को सूचित किया था कि उसकी रेकी की जा रही है। उन्होंने लिखित में शिकायत देते हुए बताया था कि गैंगस्टर अतीक अहमद के गुर्गे उसकी हत्या की योजना बना रहे हैं और लगातार उनकी रेकी कराई जा रही है। पुलिस ने उनकी शिकायत तो ले ली, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार की देर रात ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘‘ यह है उत्तर प्रदेश में ‘एनकाउंटर सरकार’ की झूठी छवि का ‘सच्चा एनकाउंटर’, जहां इलाहाबाद में सरेआम एक हत्याकांड के गवाह सहित दो पुलिसकर्मियों को बम-गोली से भून दिया गया। उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के तहत ऐसी सुरक्षा और कानून-व्यवस्था में आम जनता भयभीत है।’’
इस वारदात के बाद जागी पुलिस ने आनन फानन में जिले की सीमाओं को सील कर दिया। खुद डीजीपी ने घटना का संज्ञान लिया और बदमाशों की धरपकड़ के लिए लोकल पुलिस के साथ एसटीएफ को भी मैदान में उतार दिया गया है।