नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी ने विपक्षी राजनीति के अंदरूनी समीकरणों को भी हिला दिया है। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सिसोदिया की गिरफ्तारी का सीधे मुखर रूप से विरोध करने से परहेज कर रही है और उसका यह रुख राजद, जदयू, झामुमो, शिवसेना जैसे उसके सहयोगी दलों को नागवार लग रहा है। वहीं बाहर रहते हुए भी विपक्षी खेमे की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी भी सिसोदिया पर कांग्रेस की रणनीतिक चुप्पी से सहमत नहीं है।
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की दीर्घकालिक रणनीति के लिए इन तमाम दलों की ओर से इस मामले में कांग्रेस पर मुखर होने का दबाव है। विपक्षी खेमे में शामिल इन प्रमुख दलों के दबाव के बावजूद आम आदमी पार्टी और उसके नेता के बचाव में सीधे उतरना कांग्रेस के लिए दोहरी दुविधा की स्थिति है।
यही कारण है कि विपक्षी खेमे के सहयोगी दलों के दबाव में सिसोदिया की गिरफ्तारी के दो दिन बाद कांग्रेस ने ईडी-सीबीआई-इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का मोदी सरकार में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए दुरूपयोग किए जाने का चाहे बयान जारी किया, मगर इसमें सिसोदिया प्रकरण का कोई जिक्र नहीं किया।
दरअसल, दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी के चलते ही कांग्रेस की राजनीतिक जमीन ध्वस्त हुई है। इतना ही नहीं गोवा से लेकर गुजरात तक के चुनाव में जहां भी आप पहुंच रही है, वहां कांग्रेस को ही सीधे नुकसान पहुंचा रही है। जाहिर तौर पर आम आदमी पार्टी को कांग्रेस अपने राजनीतिक हित के प्रतिकूल मान रही और इसीलिए अजय माकन और संदीप दीक्षित जैसे दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ही नहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी खुलकर सिसोदिया की गिरफ्तारी को सही ठहरा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, राजद, जदयू, शिवसेना और झामुमो के नेताओं की ओर से कांग्रेस के इस रुख को लेकर अंदरूनी तौर पर संदेश दिया गया कि 2024 के चुनाव के संदर्भ में व्यापक विपक्षी एकता के लिहाज से पार्टी का यह दृष्टिकोण उचित नहीं है। इतना ही नहीं इन दलों ने यह भी कहा कि उसका यह रूख विपक्षी खेमे के दलों से उसकी दूरी बढ़ा सकता है।
सहयोगी दलों के इस दबाव के बाद कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के दो दिन बाद सीबीआई-ईडी-इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का दुरूपयोग कर विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का बयान ट्वीट के जरिए जारी किया। हालांकि, जयराम ने यहां भी सीधे सिसोदिया का नाम लेने से परहेज कर कांग्रेस की आम आदमी पार्टी से दूरी बनाए रखने की दृढ़ता का संकेत देने से गुरेज नहीं किया।
दिलचस्प यह है कि इस बयान से एक दिन पहले जयराम ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताने के कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के बयान को उनका निजी रुख करार दिया था और सिंघवी को भी दूसरा ट्वीट कर यह सफाई देनी पड़ी थी कि सिसोदिया के वकील के तौर पर पेश होने की वजह से उनकी यह निजी टिप्पणी थी।
अजय माकन ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को सही ठहराया
बहरहाल जांच एजेंसियों के दुरूपयोग के खिलाफ बयान जारी कर कांग्रेस ने विपक्षी खेमे के अपने सहयोगी दलों को साधने की कोशिश जरूर की है, मगर दिल्ली कांग्रेस के नेताओं का मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सियासी हमला थम नहीं रहा। अजय माकन ने मंगलवार को शराब घोटाले में सिसोदिया की कथित भूमिका की बात उठाते हुए गिरफ्तारी को सही ठहराया, तो संदीप दीक्षित ने दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना को पत्र लिखकर कथित फोन टैंपिंग मामले में केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग उठाई।