प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। प्रयागराज पुलिस और जिला प्रशासन ने जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद की 40 संपत्तियों को शॉर्टलिस्ट किया है और यह पता लगाने के लिए रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं कि क्या उन्हें अवैध तरीकों से खरीदा गया था। पुलिस, राजस्व और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के अधिकारी कसारी मसरी, करेली, हरवारा, सादियापुर, मुंडेरा, अटाला, गद्दोपुर और जिले के अन्य इलाकों में अतीक की संपत्तियों का विवरण एकत्र कर रहे हैं।
बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हालिया हत्या में अतीक और उसके परिवार के सदस्यों का नाम आने के बाद 2018 में शुरू हुई कार्रवाई तेज हो गई है।
नवंबर 2022 में, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अतीक की अवैध संपत्ति पर एक डोजियर तैयार किया था और बाद में प्रयागराज, कौशांबी और लखनऊ में कई संपत्तियों को कुर्क किया था।
डोजियर के अनुसार, पुलिस पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत अतीक और उसके परिजनों की 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।
साथ ही प्रयागराज और आसपास के जिलों में 180 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ध्वस्त किया गया है।
साथ ही, उसके गिरोह के सदस्यों और करीबी सहयोगियों की 85 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है और अब तक 570 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ध्वस्त किया गया है।
पुलिस ने पिछले पांच वर्षों में गिरोह के एक दर्जन से अधिक शस्त्र लाइसेंसों को कुर्क, जब्त और निलंबित या रद्द कर दिया है।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हमने प्रयागराज और पड़ोसी जिलों में काम शुरू किया है। पुलिस ने गैंगस्टर और उसके सहयोगियों के आर्थिक साम्राज्य को अन्य राज्यों में भी ध्वस्त करने के लिए एक योजना तैयार की है।
अतीक वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, जबकि उसके कई सहयोगी भी यूपी की विभिन्न जेलों में बंद हैं।
इस बीच, प्रयागराज में गोली लगने की घटना में घायल 32 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह ने भी दम तोड़ दिया। सिंह पाल की सुरक्षा में तैनात थे और जब उन पर हमला हुआ तो वह उनके साथ थे।(आईएएनएस)