नई दिल्ली। दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां कम नहीं हो रही हैं। करीबियों और दिग्गजों की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के विस्तार की रफ्तार भी प्रभावित हो सकती है। खबरें हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने भी अब सड़कों पर उतरने का फैसला कर लिया है और इस बार निशाने पर सीएम केजरीवाल होंगे। मंगलवार को सीएम ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद आप राष्ट्रीय पार्टी बनने के करीब आ गई थी। इसके साथ ही पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के जरिए भी राष्ट्रीय स्तर पर कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही थी। खबर है कि दिल्ली सीएम केजरीवाल 4 मार्च को कर्नाटक, 5 मार्च को छत्तीसगढ़, 13 मार्च को राजस्थान और 14 मार्च को मध्य प्रदेश का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं। इन सभी राज्यों में आमतौर पर सियासी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहता है।
अब कहा जा रहा है कि पार्टी की इस योजना से कुछ समय पहले ही सिसोदिया की गिरफ्तारी से आप की तैयारियों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा पार्टी के कुछ नेता पंजाब में भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। हाल ही में विजिलेंस ब्यूरो ने विधायक अमित रतन कोटफट्टा को गिरफ्तार किया है।
मंगलवार को भाजपा ने सड़कों पर प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। इसके जरिए सीएम केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भाजपा अपने अगले कदम के जरिए केजरीवाल की ऐसे नेता की छवि बनाने की कोशिश में हैं, जो अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से बच रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने यह भी बताया है कि आगामी प्रदर्शन के जरिए आप के विस्तार की रफ्तार को धीमा करने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि सिसोदिया और जैन के खाली की हुई जगहों को कौन भरता है। पार्टी के कुछ नेताओं के बीच असंतोष होगा। केजरीवाल को दिल्ली में अपनी पार्टी नेताओं को बचाने या दूसरे राज्यों में विस्तार की योजना में से किसी एक को चुनना होगा।’