नई दिल्ली। किशोर बियानी की अगुआई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Ltd (FRL) ) ने कहा है कि अगले सप्ताह बुलाई गई शेयरधारकों और लेनदारों की बैठक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप है। बैठक में कंपनी रिलायंस रिटेल को अपनी खुदरा संपत्ति बेचने पर मंजूरी मांगेगी।
इस बीच, बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज में डूबी FRL के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक याचिका दायर की है। Future समूह 20 से 23 अप्रैल के बीच अपने शेयरधारकों और क्रेडिटर्स के साथ बैठक करने वाला है।
इस सप्ताह की शुरुआत में ई-कामर्स कंपनी Amazon ने एफआरएल को इस तरह की बैठक को लेकर आगाह किया था और कहा था कि ऐसी बैठकें ना केवल अवैध हैं और बल्कि 2019 के समझौते का उल्लंघन है। एफआरएल ने कहा है कि अगर किसी शेयरधारक को प्रस्ताव पर मतदान से रोका जाता है तो इससे पूरी कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी।
फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ प्रस्तावित 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की मंजूरी को लेकर शेयरधारकों की 20 अप्रैल को जबकि कर्जदाताओं की 21 अप्रैल को बैठकें बुलाई हैं।
कंपनी ने यह कदम एनसीएलटी और सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी के आदेश के बाद उठाया है। आदेश में फ्यूचर समूह की कंपनियों को शेयरधारकों तथा कर्जदाताओं की बैठक बुलाने की अनुमति दी गई थी। उधर, बैंक ऑफ इंडिया ने बकाया रकम का भुगतान न करने पर कंपनी के खिलाफ Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 में याचिका दाखिल की है। कंपनी ने बताया कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है।
Bank of India कंसोर्टियम का लीड बैंकर है। Future Group ने बैंकों के साथ 2020 में करार किया था। 24713 करोड़ रुपये की उस डील में FRL शामिल है, जिसके बारे में अगस्त 2020 में घोषणा की गई थी। ग्रुप डील के तहत रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग की 19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेच रहा है।