मिर्जापुर। जिले के सरकारी रिकार्ड में मृतक दर्ज भोला सिंह उर्फ श्यामनारायण का मुख्यमंत्री की पहल पर डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल शनिवार को ले लिया गया। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन ने भोला और उनके परिवार का DNA जांच का फैसला किया है। मंडलीय अस्पताल में भोला का DNA टेस्ट के लिए ब्लड का सैंपल लिया गया।
जबकि, उसे सरकारी रिकार्ड में मृतक दर्ज कराने वाले आरोपी भाई मंडलीय अस्पताल नहीं पहुंचे। जब तक उसके भाई का सैंपल लेकर जांच के लिए नहीं भेजा जाएगा तब तक भोला के जीवित होने और अमोई गांव निवासी होने का मामला लटका रहेगा।
15 साल से अपने को जीवित करने के लिए भटक रहे अमोई निवासी भोला उर्फ श्याम नारायण के मामले को मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार लक्षकार ने भोला और उसके भाई राजनारायण के बीच स्थित रिश्ते का पता करने के लिए दोनों का डीएनए टेस्ट कराने निर्देश दिया था।
शनिवार को लिया गया था भोला सिंह का सैंपल
शनिवार को एसडीएम सदर गौरव श्रीवास्तव के निर्देश पर अमोई क्षेत्र के लेखपाल सच्चिदानंद भोला को लेकर टेस्ट कराने मंडलीय चिकित्सालय पहुंचे, लेकिन उनका टेस्ट नहीं हो सका। लैब के प्रभारी ने कहा कि डीएनए टेस्ट कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। पहले इसकी प्रक्रिया पूरी की जाए इसके बाद ही इनका टेस्ट होगा।
इसके चलते मामला लटक गया। छह घंटे बाद भी टेस्ट नहीं होने पर शाम चार बजे लेखपाल सच्चिदानंद ने मामले से सीएमओ और एसडीएम सदर को अवगत कराया। जानकारी होने पर नायब तहसीलदार उमेश कुमार चिकित्सालय भेजे गए।
उन्होंने मंडलीय चिकित्सालय के एसआइसी डा. कमल कुमार से बात की तो उन्होंने भी प्रक्रिया पूरी कर आने की बात कही। प्रशासन की इस हीलाहवाली में डीएनए टेस्ट का मामला देर शाम तक लटका रहा। एडीएम यूपी ङ्क्षसह के निर्देश पर एसआइसी ने भोला का ब्लड सैंपल लेकर सीएमओ को सौंप दिया।