Defense Office काॅम्पलेक्स के उद्घाटन पर बोले PM-जो काम आजादी के बाद शुरू होना था, वो…

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में दो रक्षा कार्यालय(Defense Office Complexes) का उद्घाटन किया। इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(Chief of Defence Staff) जनरल बिपिन रावत ने ‘पूजा’ की। प्रधानमंत्री ने रक्षा कार्यालय परिसर, अफ्रीका एवेन्यू का दौरा किया और सेना, नौसेना, वायु सेना तथा सिविल अधिकारियों के साथ बातचीत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सेंट्रल विस्टा’ वेबसाइट को लॉन्च किया।

आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण में एक बड़ा कदम
इस मौके पर मोदी ने कहा-अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एऩ्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम है। ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है।

Defense Office काॅम्पलेक्स के उद्घाटन पर बोले PM-जो काम आजादी के बाद शुरू  होना था, वो 2014 में हुआ | Prime Minister Narendra Modi to inaugurate two Defense  Office Complexes

सेना को मजबूत बना रहे
मोदी ने कहा-आज जब 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताकत को हम हर लिहाज से आधुनिक बनाने में जुटे हैं, एक से एक आधुनिक हथियार से लेस करने में जुटे हैं, बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है, सीडीएस के माध्यम से सेनाओं का को-ऑर्डिनेशन बेहतर हो रहा है, सेना की जरूरत की खरीद तेज हो रही है।आजादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकता और आकांक्षाओं की तरफ विकसित करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं।

सेंट्रल विस्टा पर बोले
मोदी ने कहा- आज देश देख रहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट में हम कर क्या रहे हैं। अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एऩ्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा स्टेप है।

जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं, वो व्यवस्था विकसित हो रही है उस पर बिल्कुल चुप रहते थे। क्योंकि उनको मालूम था जो भ्रम और झूठ फैलाने का इरादा है जैसे ही ये बात सामने आएगी, तो उनकी झूठ बाजी चल नहीं पाएगी।

आज जब ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है।

नए निर्माण पर जोर
मोदी ने कहा-राजधानी की आकांक्षाओं के अनुरूप दिल्ली में नए निर्माण पर बीते वर्षों में बहुत जोर दिया गया है। देशभर से चुनकर आए जनप्रतिनिधियों के आवास हों, अंबेडकर जी की स्मृतियों को सहेजने के प्रयास हों, अनेक नए भवन हों, इन पर लगातार काम किया है।

हमारी सेना, हमारे शहीदों के सम्मान और सुविधा से जुड़े राष्ट्रीय स्मारक भी इसमें शामिल हैं। आज जब हम Ease of living और Ease of doing business पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है।

जो काम आजादी के बाद शुरू होना था, वो 2014 में हुआ
मोदी ने कहा-2014 में आकर सबसे पहले मैंने भारत की आन-बान-शान,भारत के जीने वाले वीर जवान, जो मातृभूमि के लिए शहीद हो गए, उनका स्मारक बनाना सबसे जरूरी समझा। जो काम आजादी के तुरंत बाद शुरु होना था, वो काम 2014 के बाद शुरू हुआ। इस काम को पूरा करने के बाद हमने सेंट्रल विस्टा का काम शुरू किया है।

जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो।

कुछ भी असंभव नहीं है
मोदी ने कहा-जब नीति और नीयत साफ हो, इच्छाशक्ति प्रबल हो और प्रयास ईमानदार हों, तो कुछ भी असंभव नहीं होता, सब संभव होता है। देश की नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण भी तय समय सीमा के भीतर पूरा होगा। डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का भी जो काम 24 महीने में पूरा होना था, वो सिर्फ 12 महीने के record समय में complete किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस project में रोजगार मिला है।

पिछली बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी
इस मौके पर रक्षामंत्री ने कहा-पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं। हमारे अधिकारियों की काम करने की स्थिति प्रभावित हुई। जगह का अधिकतम उपयोग नहीं किया गया था। यही कारण है कि इन दो नए परिसर को लाया गया है। अच्छी कामकाजी परिस्थितियों में 7,000 से अधिक कर्मचारियों को यहां बैठाया जा सकता है।

सेंट्रल विस्टा के लिए जगह मिली
इन दोनों बिल्डिंग के बनने के बाद सेंट्रल विस्टा के लिए करीब 7.5 लाख वर्ग मीटर की जगह खाली हो जाएगी। इन दोनों के निर्माण पर करीब 775 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। अफ्रीका एवेन्यु बिल्डिंग 5 लाख वर्ग मीटर में तैयार की गई है। इसमें पांच ब्लॉक हैं। कस्तूरबा गांधी मार्ग(KG मार्ग) 4.52 लाख वर्ग मीटर में बनाया गया है। इसमें तीन ब्लॉक हैं। इन दोनों परिसरों में कैंटीन, बैंक, एटीएम आदि सभी सुविधाएं हैं। वहीं, पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा गया। यानी यहां का एक भी पेड़ नहीं काटा गया।

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नए रक्षा कार्यालय परिसरों के बारे में
नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारियों के लिए कार्य करने की जगह उपलब्ध होगी। भवन आधुनिक, सुरक्षित और परिचालन-योग्य कार्य स्थान प्रदान करेंगे। भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी की भी पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा।

नए रक्षा कार्यालय परिसर व्यापक सुरक्षा प्रबंधन के उपायों के साथ अत्याधुनिक और ऊर्जा कुशल हैं। इन इमारतों की मुख्य विशेषताओं में एक है – निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का उपयोग। इस तकनीक के कारण पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया। भवन संसाधन कुशल हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं।

उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री, आवास और शहरी कार्य मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस)और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल हुए।

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