Funny Guys Are You Doing Well” बोल अलविदा कह गए थे अब्दुल कलाम, मुलायम सिंह से…

शिलांग। 27 जुलाई साल 2015 एक ऐसा दिन जब पूरा देश अपने आंखों में आंसू लिए बैठा था क्योंकि इस दिन देश ने अपने हाथों से एक मशहूर रत्न खोया था। देश के जाने माने मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का निधन आज के ही दिन 83 वर्ष की उम्र में मेघालय के शिलांग में आईआईएम में एक लेक्चर देने के दौरान हुई थी।

कार्यक्रम में अचानक कार्डियक अरेस्ट का दौरा पडने पर उनकी आखिरी शब्द Funny Guys Are You Doing Well”

जीवन परिचय

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वर में एक साधारण मछुआरों के परिवार में हुआ था । इनका पूरा नाम पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था।  गरीबी होने के कारण कलाम अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरा करने के लिए 8 वर्ष की उम्र में घरों घरों में अखबार बांटते थे। अपनी कठिन परिश्रम से पढ़ाई को पूरी करते हुए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। सन 1962 में एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़ गए। जिसके बाद पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल किया।

दिल से किसी भी धर्म के नहीं थे कलाम

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम धर्म से मुस्लिम थे लेकिन दिल से वह किसी धर्म को नहीं मानते थे। इसलिए वह कुरान और भगवत गीता दोनों पढ़ते थे।  पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एक परमाणु वैज्ञानिक होने के साथ-साथ शानदार लेखक और एक अच्छे कवि थे।

आईआईएम मे लेक्चर के दौरान हुई मौत

शिलांग में जब छात्र-छात्राओं के बीच मंच से भाषण दे रहे थे तो किसी ने यह अंदाजा भी नहीं लगाया था कि यह संबोधन मिसाइल मैन का अंतिम संबोधन होगा। शिलांग में अपने अंतिम संबोधन के दौरान उन्होंने न सिर्फ मानवता को लेकर चिंता जाहिर की बल्कि धरती पर फैले प्रदूषण को लेकर भी चिंता जताई थी।

1992-1999 तक रक्षा मंत्रालय के सलाहकार

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार रहे थे। इस दौरान कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।

एनडीए ने बनाया था अपना उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए घटक दलों ने राष्ट्रपति के चुनाव के समय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने भी समर्थन किया था। 18 जुलाई 2002 को 90 फीसदी बहुमत के साथ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 11 वां राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।

हिंदी के गुरु थे मुलायम सिंह यादव

पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हिंदी के गुरु मुलायम सिंह यादव थे क्योंकि उन्हें जो कुछ भी हिंदी आती थी वो मुलायम सिंह यादव ने ही दिखाई थी। इस बात वो खुद मिसाइल मैन ने सैफई में एक रैली के दौरान स्वीकार भी किया था।

भारत अमेरिका-न्यूक्लियर डील

भारत अमेरिका न्यूक्लियर डील को लेकर के जो समाजवादी पार्टी का हृदय परिवर्तन हुआ उसके पीछे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और मुलायम सिंह की मित्रता की वजह थी। एपीजे अब्दुल कलाम ने इसबात के लिए मुलायम सिंह को मनाया था। कहा था यह डील भारत के हित में है।

राष्ट्रपति बनने से पहले ही मिला था भारत रत्न

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जो राष्ट्रपति पद मिलने से पहले ही भारत रत्न से सम्मानित हो चुके थे। साल 1997 में मिसाइल मैन को भारत रत्न से नवाजा गया था जबकि साल 2002 में वो राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए।

भारत के इकलौते कुंवारे राष्ट्रपति थे

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इकलौते ऐसे राष्ट्रपति थे जो कुंवारे थे। इसके साथ ही मिसाइल मैन एक ऐसे देशभक्त थे जो शुद्ध शाकाहारी थे।

प्रोफेशनल जिंदगी में महज दो छुट्टियां ली थी

भारत देश की सेवा के दौरान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपने पूरे प्रोफेशनल जिंदगी में महज दो छुट्टियां ली थी। एक अपने पिता की मौत के समय और दूसरी अपनी मां की मौत के समय।

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