IAS, IPS से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर और वकील भी बने मंत्री

लखनऊ। शपथ ग्रहण के साथ ही योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हो गई है। नई सरकार में 52 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें 18 कैबिनेट, 12 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री बने हैं। इनमें आठ ऐसे मंत्री भी शामिल हैं, जो पूरी तरह से प्रोफेशनल हैं। इसमें पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए और वकील भी शामिल हैं।

इनमें बृजेश पाठक डिप्टी सीएम, बेबी रानी मौर्य, जितिन प्रसाद और अरविंद कुमार शर्मा कैबिनेट मंत्री, पूर्व आईपीएस असीम अरुण, दयाशंकर मिश्र दयालु राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार, जबकि अजीत पाल सिंह और दानिश आजाद को राज्य मंत्री बनाया गया है।

दो दिन पहले ही बता दिया था कि योगी सरकार में इस बार प्रोफेशनल अनुभव वाले लोग कैबिनेट में शामिल होंगे। इसमें जातिगत समीकरणों के अलावा एजुकेशनल बैकग्राउंड और सब्जेक्ट एक्सपर्ट को भी तरजीह दी जाएगी। इसका उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फास्ट डिलीवरी के जरिए जनता में पॉजिटिव मोमेंटम बनाना और यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर फतह हासिल करना है।

आइए बताते हैं योगी सरकार 2.0 में किन प्रोफेशनल्स को मंत्री बनाया गया है…

1. बृजेश पाठक : यूपी की दूसरी योगी सरकार में बृजेश पाठक डिप्टी सीएम बने हैं। लगभग दो दशक से बृजेश राजनीति में सक्रिय हैं। इससे पहले वह बीएसपी में थे। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हुए थे। वह एक प्रोफेशनल वकील भी हैं। जातिगत मापदंड पर भी फिट बैठ रहे हैं। पिछली योगी सरकार में भी वह कैबिनेट मंत्री थे।

2. बेबी रानी मौर्य : बेबी रानी मौर्य पहले उत्तराखंड की राज्यपाल थीं। उन्हें राज्यपाल के पद से हटाकर यूपी राजनीति में सक्रिय किया गया। लगभग दो दशक से वह बीजेपी में सक्रिय हैं। वह 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।

बीएड, एमए के तौर पर उन्होंने उच्च शिक्षा भी हासिल कर रखी है। जातिगत के अलावा शैक्षिक बैकग्राउंड के मापदंडों पर भी वह खरी उतरी हैं। इन तमाम वजहों से उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

3. जितिन प्रसाद : जितिन प्रसाद कभी राहुल गांधी के बेहद करीब थे। वह ब्राह्मण चेहरा भी हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें यूपी सरकार में मंत्री बनाया गया था। यूपीए सरकार में भी वह मंत्री रह चुके हैं। वह एमबीए हैं। एक बाद फिर उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

4. अरविंद कुमार शर्मा : एके शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। 2001 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से लेकर 2014 तक शर्मा उनके सेक्रेटरी थे। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एके शर्मा भी केंद्र में आ गए। PMO में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।

शर्मा पिछले लगभग 20 साल से PM मोदी के भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं। पिछले साल VRS लेकर उन्होंने BJP ज्वाइन की, MLC बने। जून 2021 में उन्हें UP BJP का उपाध्यक्ष बनाया गया। उस दौरान यह चर्चा तेज थी कि चुनाव से पहले उनको UP कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका। वह UP के मऊ जिले के रहने वाले हैं।

5. असीम अरुण : कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर IPS असीम अरुण ने NSG से कमांडो ट्रेनिंग भी ले रखी है। 1994 बैच के IPS अधिकारी रहे अरुण पूर्व PM मनमोहन सिंह की SPG सुरक्षा में भी शामिल थे। 51 साल के अरुण को तेजतर्रार पुलिस अधिकारी माना जाता था।

यूपी में विधायक बनने के बाद उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। असीम का काम करने का लंबा प्रशासनिक अनुभव और दूसरा, वह दलित समाज से आते हैं।

6. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ : दयाशंकर मिश्र गाजीपुर के सिधौना के रहने वाले हैं। उन्होंने वाराणसी से बीएससी, एमएससी करने के बाद बॉटनी में पीएचडी की। डीएवी कॉलेज में प्राचार्य रहे। राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की। 2014 में बीजेपी ज्वाइन की। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।

7. अजीत पाल सिंह : कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से विधायक अजीत पाल सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। उनकी शुरुआती पढ़ाई कानपुर से हुई। उन्होंने रूस जाकर बीटेक, एमटेक और एमबीए किया। हैदराबाद में 3 साल तक केमिकल इंजीनियर के तौर पर नौकरी की। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया भी गए। वहां उन्होंने 10 साल तक काम किया। उनके अनुभव का फायदा योगी सरकार को मिलेगा।

8. दानिश आजाद: योगी आदित्यनाथ की सरकार में दानिश आजाद इकलौते मुस्लिम मंत्री बनाए गए हैं। दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। उम्र 32 साल है।

इन्होंने 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वॉलिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स किया। जनवरी 2011 में बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए।

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