नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव एलोपैथी के इलाज पर सवाल उठा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से उन्होंने 25 सवाल पूछे हैं। इसके बाद से IMA ने बाबा की मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। पहले IMA अध्यक्ष डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल ने कहा कि अगर एलोपैथी गलत है, तो सरकार इसे बंद कर दे या फिर बाबा रामदेव पर केस दर्ज करे।
इसके बाद IMA के महासचिव डॉ.जयेश लेले ने बाबा पर तंज कसते हुए कहा कि एक अनपढ़ आदमी हमसे 25 सवाल पूछ रहा है। मजे की बात है कि जिन 25 लाइफस्टाइल डिजीज का नाम लिखा है वे सब एलोपैथी नाम है। उन्होंने आयुर्वेदिक नाम नहीं लिखा।
पहले पढ़ते हैं IMA अध्यक्ष डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल से सवाल-जवाब…
सवाल: बाबा रामदेव एलोपैथी इलाज के तरीकों और डॉक्टर्स पर सवाल उठा रहे हैं?
देश में चिकित्सा व्यवस्था का पूरा तंत्र है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय है, ICMR, DCGI जैसे प्रतिष्ठान हैं। रामदेव को अगर एलोपैथी से कोई दिक्कत है, तो उन्हें इन्हीं सक्षम लोगों से कहना चाहिए। वे स्वास्थ्य मंत्रालय से बात करें या प्रधानमंत्री के पास अर्जी दें।
सरकारें एलोपैथी चिकित्सा को IMA के दबाव में मान्यता नहीं देती हैं। अगर स्वास्थ्य मंत्रालय को लगता है कि रामदेव के आरोप सही हैं तो वो एलोपैथी की मान्यता खत्म कर दे, डॉक्टरों को इलाज करने से रोक दे। अगर नहीं, तो फिर मंत्रालय को रामदेव पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मामला दर्ज करना चाहिए।
सवाल: कोविड ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल बदलता रहा है। आपको लगता है कि इसमें आयुर्वेद या अन्य पद्धतियों को शामिल करना चाहिए?
ये मांग मैं कैसे कर सकता हूं। यह तो सरकार का विशेषाधिकार है। कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल गहन रिसर्च और फीडबैक के बाद बदलता है। वायरस के नए-नए स्वरूप सामने आ रहे हैं। इलाज के नए तरीके ढूंढना तो बिल्कुल सामान्य है। मैं आयुर्वेद या किसी भी अन्य पद्धति पर कोई कमेंट नहीं करना चाहता।
सवाल: रामदेव कहते हैं कि फार्मा इंडस्ट्री के दबाव में आयुर्वेद को नकारा जाता है। सहमत हैं?
सवाल उठाने वाले रामदेव कौन हैं। मैं किसी आयुर्वेद के डॉक्टर से चर्चा करने को तैयार हूं। रामदेव तो डॉक्टर नहीं हैं। वो फार्मा इंडस्ट्री के दबाव की बात कर रहे हैं। आप देखिए… देश की सबसे बड़ी फार्मा इंडस्ट्री कौन सी है। रामदेव और उनका पतंजलि ब्रांड ही खुद दबाव डालता है।
सवाल: कोविड ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स दिखे हैं। ब्लैक फंगस महामारी बन रहा है। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में चूक हुई है?
साइड इफेक्ट्स तो पतंजलि के प्रोडक्ट्स के भी हैं। किसी भी चिकित्सा पद्धति में साइड इफेक्ट्स तो होते ही हैं। किसने कहा कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस हुआ है। प्रोटोकॉल तय करने में IMA की कोई भूमिका नहीं है। बाबा रामदेव सरकार को क्यों नहीं मना लेते कि प्रोटोकॉल उनके हिसाब से तय हो।
सवाल: रामदेव का दावा है कि एलोपैथी में 25 लाइफस्टाइल डिजीज का इलाज नहीं है?
हम ऐसे दुर्भावनापूर्ण पत्र का जवाब क्यों दें जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इस सवाल का जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को ही देना चाहिए।
सवाल: बाबा के सहयोगी आरोप लगा रहे हैं कि आप धर्मांतरण में लगे हुए हैं?
मैं ऐसे बकवास आरोपों का जवाब क्यों दूं। अगर ऐसा है तो हमारा कानून शांत क्यों है? मैं इतना ताकतवर नहीं हूं कि ऐसे अपराध करने के बाद सजा से बच जाऊं। मेरे हिसाब से रामदेव फार्मा इंडस्ट्री के बड़े कॉरपोरेट खिलाड़ी हैं। यह वे इसलिए कर रहे हैं कि हालात का फायदा उठाएं और भय का माहौल बना अपनी अवैध और बिना मंजूरी की तथाकथित दवाएं बेचकर पैसा कमाएं।
अब पढ़िए IMA महासचिव डॉ.जयेश लेले से सवाल-जवाब…
सवाल: रामदेव 25 लाइफस्टाइल डिजीज का इलाज एलोपैथी में न होने का दावा करते हैं
25 सवाल एक अनपढ़ आदमी हमसे पूछ रहा है। हम जवाब देंगे, विश्व भर का रेफरेंस देते हुए जवाब तैयार करेंगे लेकिन उसे नहीं देंगे देश के लोगों के लिए वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। मजे की बात है कि जिन 25 लाइफस्टाइल डिजीज का नाम लिखा है वे सब एलोपैथी नाम है। आयुर्वेदिक नाम नहीं लिखा।
सवाल: बाबा कह रहे हैं कि एलोपैथी से सिर्फ 10% गंभीर मरीज ठीक हुए, आपका क्या कहेंगे?
यह बिल्कुल गलत है। एलोपैथी से 2.30 करोड़ से ज्यादा मरीज ठीक हुए। गंभीर मरीजों का आंकड़ा अलग से देखना चाहिए। रामदेव के अनुसार 90% मरीजों का इलाज आयुर्वेद से हुआ है तो प्रमाण दिखाएं नहीं तो झूठा बयान न दें।
सवाल: बाबा रामदेव को ताकत कहां से मिलती है कि इतने दम से अपनी बात रखते हैंं?
यह सरकार को सोचना चाहिए। 10 हजार डॉक्टर्स की मौत टीका लेने के बाद हो गई ऐसे बयान दे रहे हैं। यह तरीका है सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम को पटरी से उतारने का। रामदेव का बयान एलोपैथी दवा और टीके के प्रति डर फैलाने के लिए है ताकि उन्हें दवा बेचने का मौका मिल जाए।
सवाल: क्या आप बाबा रामदेव पर राजद्रोह के मुकदमे की मांग पर कायम हैं?
रामदेव के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट, आईपीसी की धाराओं और राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। बाबा रामदेव की दवा को कोरोना के इलाज के लिए इजाजत मिली है, यह साबित करना चाहिए। रामदेव ने अपनी आयुर्वेदिक दवा का आयुर्वेद अस्पताल की जगह जयपुर के एलोपैथी अस्पताल में क्यों ट्रायल किया यह भी बताना चाहिए।