नई दिल्ली। IPL 2022 की शुरुआत के साथ ही अगले दो महीने क्रिकेट का सुपर एक्शन शुरू होने जा रहा है। चौकों-छक्कों की बरसात के साथ ही IPL, BCCI से लेकर टीम के मालिकों और खिलाड़ियों तक के लिए पैसे की बारिश करने वाला टूर्नामेंट भी है। 2008 में पहले सीजन के बाद से ही लगातार IPL की लोकप्रियता और कमाई दोनों बढ़ती ही गई है।
ऐसे में चलिए समझते हैं कि आखिर कैसे IPL टीमें कमाई करती हैं? IPL का बिजनेस मॉडल क्या है? IPL से BCCI को कैसे होता है मोटा फायदा?
पहले IPL को जानिए
IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग एक टी20 क्रिकेट लीग है, जिसका आयोजन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI करता है। इसकी शुरुआत 2008 में 8 टीमों के साथ हुई थीं। बाद में इससे दो और टीमें कोच्चि टस्कर्स केरल और सहारा पुणे वॉरियर्स भी जुड़ी थीं, लेकिन अलग-अलग वजहों से इस लीग से बाहर हो गईं।
2016-17 में राजस्थान और चेन्नई पर 2 साल का बैन लगने के दौरान गुजरात लांयस और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स इसमें शामिल हुईं। इस साल लखनऊ और अहमदाबाद के रूप में दो नई टीमें जुड़ गई हैं। यानी इस बार टीमों की संख्या 10 है।
IPL से कैसे कमाई करती हैं टीमें?
IPL का पूरा खेल ही एक बिजनेस है। इसके हर हिस्से से BCCI और टीम मालिकों दोनों को जबर्दस्त कमाई होती है। चलिए एक नजर डालते हैं IPL से होने वाली अलग-अलग सोर्सेज के जरिए कमाई पर:
IPL से होने वाली कमाई को तीन हिस्सों में बांट सकते हैं:
1. सेंट्रल रेवेन्यू: इस कमाई का IPL से होने वाली कुल कमाई में करीब 60-70% हिस्सा है। सेंट्रल रेवेन्यू से कमाई का दो अहम जरिया है-(i) मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और (ii) टाइटल स्पॉन्सरशिप।
2.विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू: इससे होने वाली कमाई का हिस्सा करीब 20-30% होता है।
3.लोकल रेवेन्यू: कुल कमाई का करीब 10% इससे आता है। इसमें टिकटों और अन्य चीजों से होने वाली कमाई शामिल होती हैं।
(i). मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स:
- IPL की शुरुआत से ही कमाई का सबसे अहम जरिया उसके प्रसारण या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई रही है।
- ब्रॉडकास्टिंग राइट्स का मतलब होता है कि IPL के मैच केवल वही चैनल दिखा पाएगा, जिसके पास इसके राइट्स होंगे।
- IPL की शुरुआत यानी 2008 से अगले 10 वर्षों यानी 2017 तक इसके ब्रॉडकास्टिंग राइट्स सोनी के पास थे, जिसने इसके लिए BCCI को 8,200 करोड़ रुपए दिए थे।
- 2018 में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स की फिर बोली लगी और इस बार बाजी मारी स्टार स्पोर्ट्स ने। स्टार ने 2018 से 2022 तक, यानी 5 सालों के IPL ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को 16,347 करोड़ रुपए में खरीदा।
- मीडिया और स्पोर्ट्स जानकारों का मानना है कि 2023-2028 के लिए आईपीएल मीडिया राइट्स 30 हजार करोड़ रुपए में बिक सकते हैं।
अब जानते हैं कि आखिर इससे टीमें और BCCI कितना पैसा कमाती हैं
शुरू में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई में 20% BCCI रखता था और 80% पैसा टीमों को मिलता था, लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़कर 50%-50% हो गया। यानी अब ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से मिलने वाले पैसे में BCCI और टीमों को आधा-आधा हिस्सा मिलता है।
IPL के पहले 10 सीजन में प्रसारण अधिकार से BCCI और टीमों ने 8,200 करोड़ रुपए कमाए थे, यानी हर साल 820 करोड़। 2018 में स्टार स्पोर्ट्स ने 5 सालों के लिए मीडिया राइट्स 16,347 करोड़ रुपए में खरीदे। यानी हर साल करीब 3,270 करोड़ रुपए।
(ii) टाइटल स्पॉन्सरशिप
- टाइटल स्पॉन्सरशिप भी IPL की टीमों के लिए कमाई का बहुत बड़ा जरिया है। टाइटल स्पॉन्सरशिप का मतलब होता है, IPL के पहले अपना नाम जुड़वाना-जैसे- डीएलएफ आईपीएल, पेप्सी आईपीएल, वीवो आईपीएल और अब टाटा आईपीएल।
- ब्रांड IPL के टाइटल यानी नाम के आगे अपना नाम जुड़वाने के लिए जमकर पैसा खर्च करते हैं, क्योंकि इससे उनके ब्रांड के प्रचार में बहुत फायदा मिलता है।
- IPL 2008 से 2012 तक पांच सीजन के लिए देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलेपर्स में शामिल डीएलएफ ने टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स 200 करोड़ रुपए में खरीदे थे।
- इसके बाद बाद अगले पांच सीजन के लिए पेप्सी ने 397 करोड़ रुपए खर्च किए। हालांकि, पेप्सी अपना करार पूरा होने से 2 साल पहले ही 2015 में अलग हो गया।
- इसके बाद BCCI ने दो सीजन (2016, 2017) के लिए चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो को ये राइट्स 200 करोड़ में बेचे।
- वीवो ने फिर 2018 से 2022 यानी पांच सीजन के लिए ये राइट्स 2199 करोड़ में खरीदे, लेकिन भारत-चीन विवाद की वजह से 2020 में ड्रीम 11 टाइटल स्पॉन्सर बना और इसके लिए 222 करोड़ दिए।
- 2021 में वीवो ने वापसी की और 439.8 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप खरीदी। 2022 में दो सीजन के लिए टाटा ने टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल कर ली और इसके लिए 600 करोड़ रुपए खर्च किए।
सेंट्रल रेवेन्यू से 2018-2021 के दौरान IPL टीमों को हुई कितनी कमाई
IPL के सेंट्रल रेवेन्यू से यानी ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और टाइटल स्पॉन्सरशिप से BCCI की कमाई IPL 2008 से 2017 तक 8400 करोड़ रुपए थी, यानी सालाना 840 करोड़ रुपए। वहीं, 2018 से 2022 के दौरान BCCI को इससे करीब 18500 करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान है। यानी हर साल करीब 3700 करोड़ रुपए।
ये कमाई BCCI और टीमों में बराबर बांटने पर 8 टीमों को सालाना करीब 1156 करोड़ रुपए रुपए की कमाई हुई, यानी सेंट्रल रेवेन्यू से हर टीम को सालाना 230-240 करोड़ रुपए की कमाई होगी।
2.विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू
विज्ञापन और प्रमोशन से टीमों की जमकर कमाई होती है। टीमों की कमाई का अपना बिजनेस मॉडल होता है। इसके तहत वे कई कंपनियों से करार करती हैं।
- टीमें विज्ञापन और प्रमोशन के तहत खिलाड़ियों और अंपायर की जर्सी, हेलमेट, विकेट, मैदान और बाउंड्री लाइन पर दिखने वाले कंपनियों के नाम और लोगो आदि के लिए भी कंपनियां टीमों को पैसे देती हैं।
- टीमें खिलाड़ियों से दूसरे ब्रांड के प्रमोशन यानी ऐड भी करवाती हैं। कई टीमें खिलाड़ियों से खुद के ब्रांड के प्रमोशन भी करवाती हैं। जैसे-मुंबई इंडियंस जियो का ऐड, जिसमें रोहित शर्मा समेत मुंबई इंडियंस के कई खिलाड़ी नजर आते हैं।
- टीमें अपने नाम और लोगो वाले टी-शर्ट, कैप, ग्लब्स आदि मर्चन्डाइज बेचकर भी पैसे कमाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विज्ञापन और ब्रैंड प्रमोशन से मुंबई इंडियंस जैसी टीमें हर साल 50 करोड़ रुपए तक कमा लेती हैं।
3. लोकल रेवेन्यू: IPL टीमों की कमाई का तीसरा जरिया होता है मैदान में बिकने वाले टिकट। एक मैच में बिकने वाली टिकट से करीब 4-5 करोड़ रुपए तक कमाई होती है। इनमें से 80% पैसा घरेलू टीम को मिलता है। यानी हर मैच से टीमों को करीब 3-4 करोड़ रुपए की कमाई टिकट से होती है। हालांकि, कोविड-19 के दौरान टीमों की इस कमाई में गिरावट आई है।
IPL टीमों को हर साल होती है कितनी कमाई
अगर टीमों की सेंट्रल, विज्ञापन और लोकल रेवेन्यू से कमाई को जोड़ दें तो पिछले कुछ वर्षों में IPL की हर टीम को सालाना करीब 300 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। हालांकि, इस कमाई में से एक बड़ा हिस्सा उन्हें खर्च भी करना पड़ता है।
कितना खर्च करती हैं टीमें
- IPL टीमें इनमें से हर साल करीब 90 करोड़ रुपए खिलाड़ियों की फीस पर खर्च करती हैं।
- टीमें हर साल 35-50 करोड़ रुपए ऑपरेशन कास्ट, जिनमें-खिलाड़ियों के फ्लाइट और होटल में रुकने का खर्च आदि शामिल हैं- पर खर्च करती हैं।
- यानी इन दोनों खर्च को मिलाकर टीमें हर साल 130-140 करोड़ रुपए खर्च करती हैं।
- साथ ही हर मैच के आयोजन के लिए टीमों को 50 लाख रुपए स्टेट एसोसिएशन को देना होता है-यानी हर सीजन में 7 मैचों के लिए 3.50 करोड़ रुपए।
- इसके अलावा टीमों को अपनी कुल कमाई में से 20% हिस्सा BCCI को देना होता है, जो कि टीमों की कमाई के हिसाब से करीब 25-30 करोड़ बैठता है।
IPL टीमों को हर साल होता है कितना फायदा
- अब अगर IPL टीमों को हर साल की करीब 300 करोड़ की कमाई में से खर्च यानी करीब 160-165 करोड़ के खर्च को निकाल दें, तो टीमें सालाना करीब 130-140 करोड़ रुपये का फायदा कमाती हैं।
प्राइज मनी: टॉप-4 टीमों की कमाई का एक जरिया IPL प्राइज मनी भी है। 2021 में विजेता टीम को 20 करोड़ रुपए, रनर अप को 12.5 करोड़ रुपए मिले थे। वहीं, तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली टीमों को क्रमश: 8.75-8.75 करोड़ रुपए मिले। प्राइज मनी का 50% यानी आधा हिस्सा टीम मालिक को मिलता है, जबकि बाकी का आधा हिस्सा टीम में बांटा जाता है।
अगर प्राइज मनी को भी जोड़ लें, तो IPL की टॉप-4 टीमों का सालाना फायदा 140-150 करोड़ रुपए हो जाता है।