लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर से ठगी करने के मामले में फंसे IPS अफसर अरविंद सेन की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अब एंटी करप्शन कोर्ट ने सेन और एक अन्य को भगोड़ा घोषित कर दिया है। विशेष जज संदीप गुप्ता ने कहा है कि यदि अरविंद सेन हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
वहीं, इसी मामले में गिरफ्तार सिपाही दिलबहार यादव का वॉयस सैंपल टेस्ट होगा। बता दें कि पशुपालन विभाग में 292 करोड़ का फर्जी टेंडर दिलाने के लिए 9 करोड़ 72 लाख हड़पने के मामले में IPS अरविंद सेन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया जा चुका है।
क्या था पूरा मामला?
13 जून‚ 2020 को इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने लखनऊ के थाना हजरतगंज में धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई थी। इस मामले में मोंटी गुर्जर‚ आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था। विवेचना में IPS अधिकारी अरविंद सेन का नाम भी प्रकाश में आया था। अभियुक्तों पर झूठे दस्तावेजों व फर्जी नाम से गेहूं‚ आटा‚ शक्कर‚ दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार की ठगी का आरोप है।
STF की जांच में इंदौर के एक व्यापारी से पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख हड़पने का मामला पकड़ा गया था। इस फर्जीवाड़े में पशुधन राज्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित‚ सचिवालय के संविदा कर्मी और मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार देव‚ कथित पत्रकार एके राजीव और खुद को पशुधन विभाग का उपनिदेशक बताने वाला आशीष राय शामिल थे। मुख्य साजिशकर्ता आशीष राय ही पशुपालन विभाग के उपनिदेशक एसके मित्तल के कार्यालय का इस्तेमाल कर खुद उपनिदेशक बना था।
अब तक 9 आरोपी जेल भेजे गए
इस मामले में मंत्री के प्रधान सचिव समेत 10 जालसाजों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। करीब छह महीने चली जांच के बाद मामले में 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई। ACP गोमतीनगर के द्वारा की जा रही विवेचना में यह पाया गया कि सचिवालय से लेकर सरकारी गाड़ियों का और अफसर की कुर्सी का इस्तेमाल किया गया। करोड़ों के इस घोटाले में STF अब तक 9 लोगों को जेल भेज चुकी है।