नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना के साथ लेह पहुंचे है। तीनों वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) पर स्थिति का जायजा लेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले इस महीने की शुरुआत में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा किया था और सैनिकों का हौसला बढ़ाया था।
राजनाथ सिंह के लेह दौरे का लाइव अपडेट
– लद्दाख: भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे की मौजूदगी में स्टाकना (लेह) में पैरा ड्रापिंग अभ्यास किया।
– लद्दाख: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे स्टाकना (लेह) पहुंचे। वे यहां सशस्त्र बलों के पैरा ड्रापिंग कौशल को देखेंगे।
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाणे लेह हवाई अड्डे पर पहुंचे।
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दौरे पर लेह के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भी जा रहे हैं। वे आज लद्दाख और कल श्रीनगर जाएंगे।
– इससे पहले आज राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर लेह के लिए प्रस्थान कर रहा हूं। मैं सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए फॉरवर्ड पोस्टा का दौरा करूंगा और सशस्त्र बल के जवानों के साथ भी बातचीत करूंगा।”
आपको बता दें कि पाकिस्तान एलओसी के पार से लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है, चीन ने हाल के दिनों में भारत और उसके पूर्वी पड़ोसी के बीच तनाव को बढ़ाते हुए लद्दाख क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। तीन जुलाई को लद्दाख की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, “लेह, लद्दाख से लेकर सियाचिन और कारगिल और गालवान के बर्फीले पानी तक, हर पर्वत, हर चोटी पर भारतीय सेना की वीरता देखी गई है।”
पीएम मोदी ने कहा था, ‘विस्तारवाद का दौर अब खत्म हो चुका है। अब सिर्फ विकास की बात होगी। इतिहास ने देखा है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।’
15 जून को, गालवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प के दौरान करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। चीनी सैनिकों ने बाद में सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर के माध्यम से दो देशों के बीच बातचीत के बाद गलवान घाटी से पीछे जाना शुरू कर दिया है।