नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का शुक्रवार को दोबारा चुनाव हो रहा है। वोटिंग सुबह 10.30 बजे शुरू हुई। वोट डालने के लिए एक-एक कर पार्षदों को बुलाया जा रहा है। सुबह जैसे ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई। भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पार्षदों को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई।
मतदान के पहले AAP को बड़ा झटका लगा। AAP पार्षद पवन सहरावत भाजपा में शामिल हो गए। वे बवाना से पार्षद चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी और पार्षद भाजपा में शामिल होंगे। सदन में जैसे ही वोटिंग के लिए उनका नाम पुकारा गया। आप पार्षदों ने गद्दार-गद्दार के नारे लगाए।
उधर, सदन में मोबाइल पर रोक को BJP अपनी जीत मान रही है। दरअसल, 22 फरवरी को मेयर चुनाव हुआ था। इसके बाद होने वाला यह स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव हंगामे के बाद रुक गया। सिर्फ 47 पार्षद ही वोट डाल पाए थे। BJP फिर से चुनाव कराने की मांग पर डटी थी। इससे पहले बुधवार दोपहर से गुरुवार सुबह तक सदन की कार्यवाही 6 बार स्थगित की गई थी। BJP ने AAP पर वोट की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया है। इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक स्थगित कर दी गई।
कुछ पार्षद मोबाइल ले आए, इसलिए हुआ हंगामा, पार्षदों के बीच हाथापाई
बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान कुछ पार्षद मोबाइल ले आए। इस पर भाजपा के पार्षदों ने आपत्ति जाहिर की। हंगामा इसी को लेकर शुरू हुआ। नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबेरॉय अपनी कुर्सी पर थीं और भाजपा के सदस्य वहीं पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने बैलेट बॉक्स पलट दिया। इसके बाद आप और भाजपा दोनों के पार्षदों के बीच मारपीट शुरू हो गई। सदन में हर तरफ सदस्य एक-दूसरे से लड़ते-भिड़ते और हाथापाई करते नजर आए। महिलाओं ने भी एक-दूसरे पर हमला किया। इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई।
क्यों है एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी पर इतना बवाल
स्टैंडिंग कमेटी ही एमसीडी में सबसे ताकतवर है। यह कमेटी कॉर्पोरेशन का कामकाज और मैनजमेंट का काम देखती है। इसके अलावा प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी, नीतियों को लागू करने से पहले चर्चा और उसे अंतिम रूप देने का काम भी इसी कमेटी के हाथ में है। यानी निगम की मुख्य डिसीजन-मेकिंग बॉडी यह कमेटी ही है।
स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं। इस कमेटी में एक चेयरपर्सन और डेप्युटी चेयरपर्सन होता है। इन्हें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों में से चुना जाता है। मेयर चुनाव के बाद 6 सदस्यों को एमसीडी हाउस में सीधे चुनाव जाता है। दिल्ली में एमसीडी 12 जोन में बंटी है। हर जोन में एक वार्ड कमेटी होती है जिसमें क्षेत्र के सभी पार्षद और नॉमिनेटेड एल्डरमैन शामिल होते हैं। स्टैंडिंग कमेटी में जोन प्रतिनिधि भी होते हैं। ऐसे में अगर यहां भी भाजपा हारती है तो उसके पास एमसीडी में कुछ नहीं बचेगा।
शैली 38 दिन पद पर रहेंगी….डिप्टी मेयर भी AAP का
- नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद 22 फरवरी को दिल्ली को नया मेयर मिला। शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया। दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था। 2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर एक कर दिया गया। इसके बाद यह MCD का पहला चुनाव था।
- शैली ओबेरॉय 38 दिन ही मेयर पद पर रह सकेंगीं। दरअसल, DMC की धारा दो (67) के अनुसार निगम का साल अप्रैल माह की पहली तारीख से शुरू होता है, जो अगले साल 31 मार्च को समाप्त होगा। ऐसे में फरवरी के आज से पूरे 7 दिन और मार्च के 31 दिन को मिलाकर उनका कार्यकाल सिर्फ 38 दिनों का बचा है। इसके बाद दोबारा से एक अप्रैल को मेयर का चुनाव होगा।
- AAP के आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुना गया है। उन्हें 147 वोट मिले। उन्होंने BJP के कमल बागड़ी को हराया।