नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले एमसीडी चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित शपथ दिलाने राजेंद्र पाल गौतम को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। दिल्ली नगर निकाय चुनावों में प्रचार की कमान पाने वाले नेताओं में कुल 30 लोग शामिल हैं। इन नेताओं में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान, क्रिकेटर हरभजन सिंह के साथ पंजाब और दिल्ली के कई अन्य मंत्रियों को शामिल किया गया है।
भाजपा ने आम आदमी पार्टी की ओर से राजेन्द्र पाल गौतम को स्टार प्रचारक बनाए जाने पर करारा हमला बोला है। भाजपा की दिल्ली यूनिट ने ट्वीट कर कहा है कि आम आदमी पार्टी का हिन्दू विरोधी चेहरा एकबार फिर बेनकाब हो गया है। आम आदमी पार्टी ने हिंदुओं से नफरत करने वाले राजेन्द्र पाल गौतम को अपना स्टार प्रचारक बनाया है।
आम आदमी पार्टी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के सीएम भगवंत मान, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राज कुमार आनंद के नाम शामिल हैं। वहीं पार्टी सांसदों में संजय सिंह, सुशील गुप्ता, राघव चड्ढा, एनडी गुप्ता, हरभजन सिंह (क्रिकेटर) को जगह दी गई है।
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा, हरजोत सिंह बैंस और अमन अरोड़ा को भी स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया है। स्टार प्रचारकों की लिस्ट में दुर्गेश पाठक, पंकज गुप्ता, दिलीप पांडे, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, आदिल अहमद खान, सोमनाथ भारती, राखी बिडलान, संजीव झा, जरनैल सिंह, कुलदीप कुमार, विशेष रवि और मदन लाल जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम पिछले महीने एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे जिसमें हजारों लोगों ने कथित तौर पर गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने का संकल्प लिया था। इस कार्यक्रम का एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया था। इसके बाद विपक्षी दल भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर करारा हमला बोला था और राजेंद्र पाल गौतम को बर्खास्त किए जाने की मांग की थी।
बाद में राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। दिल्ली सरकार ने भी गौतम का इस्तीफा स्वीकार करते हुए इसे राज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी के लिए भेज दिया था। बाद में राष्ट्रपति ने इसे मंजूर कर लिया था। इस पूरे प्रकरण पर राजेंद्र पाल गौतम का कहना था कि उन्होंने मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दिया है, क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनकी पार्टी उनके चलते किसी मुश्किलों में घिरे। यही नहीं उन्होंने भाजपा पर दुष्प्रचार का आरोप भी लगाया था।