नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चुनाव करीब है। कांग्रेस वहां पर सत्ता में वापसी का करने के लिए लगातार एकजुट है लेकिन इंडिया गठबंधन से उसको लगातार झटका मिल रहा है।
अभी अखिलेश यादव की पार्टी के साथ सपा के साथ गठबंधन को लेकर विवाद देखने को मिल चुका है। विवाद बढऩे पर कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर सफाई देनी पड़ी जबकि अब नीतीश कुमार पार्टी ने कांग्रेस को मुश्किल में जरूर डाला है। दरइसन जेडीयू ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का ऐलान कर दिया है और पहली लिस्ट में जेडीयू के 5 उम्मीदवारों को चुनावी दंगल में उतारा है।
इसमें पिछोर विधानसभा सीट से चंद्रपाल यादव, राजनगर से रामकुंवर (रानी) रैकवार, विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी, थांदला विधानसभा सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद रामेश्वर सिंघार को चुनावी मैदान में उतारा है।
इसके बाद से बिहार की राजनीति में घमासान देखने को मिल रहा है और लोग कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन टूटने की कगार पर है। वहीं जेडीयू ने विवाद बढ़ता देख इस सफाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने कहा है कि संगठन और चुनावी विस्तार के मकसद से उनकी पार्टी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी ताकत देखना चाहती है और जो लोग भी इस पर सवाल उठा रहे हैं वह केवल राजनीति कर रहे हैं।
जेडीयू का कहना है कि राजनीतिक मकसद से चुनाव मैदान में उतरने में कोई हर्ज नहीं है। दूसरी तरफ बीजेपी ने जेडीयू पर तंज कसने में देर नहीं की है।जेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा है कि नीतीश कुमार का धैर्य इसलिए टूट गया, क्योंकि उनकी पार्टी को किसी गठबंधन में तरजीह नहीं मिल रही है.