NEET में 5 लाख लेकर दूसरे की जगह परीक्षा देने बैठी सॉल्वर गैंग की मेंबर निकली BHU की BDS छात्रा

वाराणसी। वाराणसी में क्राइम ब्रांच ने एक सॉल्वर गैंग को पकड़ा है, जिसमें बीएचयू में पढ़ने वाली BDS सेकेंड ईयर की छात्रा जूली और उसकी मां भी शामिल है। इसके अलावा 2 एजेंट भी पकड़े गए हैं। आरोप है कि रविवार को मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए NEET-UG परीक्षा में छात्रा दूसरे कैंडिडेट की जगह परीक्षा दे रही थी।

गैंग का मास्टरमाइंड पटना का रहने वाला PK है। गैंग में KGMU का एक डॉक्टर भी शामिल है। जिसकी अहम भूमिका बताई जा रही है। क्राइम बांच के सूत्रों का कहना है कि इस गैंग का नेटवर्क पूर्वोत्तर राज्यों तक फैला है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

गरीब परिवार को लालच देकर फंसा दिया

BHU की BDS सेकेंड ईयर की छात्रा जूली कुमारी पटना के संदलपुर वैष्णवी कॉलोनी की रहने वाली है। जूली के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसके पिता पटना में सब्जी बेचते हैं। इसी का फायदा उठाकर सॉल्वर गैंग ने जूली की मां बबिता से संपर्क किया और 5 लाख रुपए का लालच दिया।

कहा कि अगर तुम्हारी बेटी हमारी कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी तो सेंटर से बाहर निकलते ही 5 लाख रुपए थमा दिए जाएंगे। बबिता पैसे के लालच में आ गई और अपनी बेटी जूली को दूसरी कैंडिडेट की जगह परीक्षा में बैठने के लिए राजी कर लिया।

सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में बनाए गए सेंटर में रविवार को आयोजित NEET-UG में बबिता अपनी बेटी जूली को लेकर गई। कक्ष निरीक्षकों को जूली पर शक हुआ तो सूचना पुलिस को दी गई। सूचना के आधार पर शाम के समय क्राइम ब्रांच प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ गए और जूली से पूछताछ की तो उसका फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जूली के साथ ही उसकी मां भी पकड़ ली गई। बबिता के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली गई तो 2 दलालों का पता लगा।

पुलिस की गिरफ्त में सॉल्वर जूली और उसकी मां।
पुलिस की गिरफ्त में सॉल्वर जूली और उसकी मां।

मां-बेटी की मदद से पकड़े गए 2 दलाल

बबिता और जूली से पूछताछ में 2 दलालों का पता लगा। इस पर क्राइम ब्रांच ने बबिता के मोबाइल की कॉल डिटेल की मदद से शहर से ही बिहार के खगड़िया निवासी विकास को पकड़ा। फिर, गाजीपुर के मोहम्मदाबाद क्षेत्र से ओसामा शाहिद पकड़ा गया। ओसामा और विकास से अलग से पूछताछ की जा रही है।

प्रथम दृष्टया पूछताछ में यही सामने आया कि मूल अभ्यर्थी के चेहरे से जूली का चेहरा मिलता-जुलता है। दोनों की फोटो फोटोशॉप की मदद से ऐसे तैयार की गई कि कोई भी देख कर जूली और मूल अभ्यर्थी को अलग-अलग न समझे। इसके बाद जूली को मूल अभ्यर्थी के दस्तखत की सैकड़ों बार प्रैक्टिस कराई गई थी।

भाई की मदद से विकास पहुंचा जूली के घर तक

BDS की स्टूडेंट जूली कुमारी के भाई अभय कुमार कुशवाहा की मुलाकात पटना में बिहार के खगड़िया जिले के बेला सिकड़ी गांव निवासी विकास कुमार महतो से हुई थी। विकास खुद को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाला छात्र बताता था। दोनों में दोस्ती हुई तो अभय ने विकास को बताया कि उसकी बहन बीएचयू से BDS कर रही है।

इसी के बाद से विकास ने अभय के घर आना-जाना शुरू किया। इसके बाद अभय की मां को 5 लाख रुपए का लालच देकर जूली कुमारी को मेडिकल प्रवेश परीक्षा में दूसरे की जगह बैठाने के लिए तैयार किया।

KGMU का एक डॉक्टर शक के घेरे में

गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ और उनके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस का शक लखनऊ स्थित KGMU के एक डॉक्टर पर गहराया है। उस डॉक्टर से पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम लखनऊ रवाना की जाएगी। इसके साथ सॉल्वर गैंग के इस गिरोह का सरगना पटना निवासी पीके है। पीके पटना सहित देश के अन्य अलग-अलग स्थानों में ठिकाने बदल कर रहता है। पीके की तलाश में क्राइम ब्रांच की एक टीम पटना भी रवाना की गई है।

जल्द अन्य आरोपी भी पकड़े जाएंगे

कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि मां-बेटी को जेल भेजा जा रहा है। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। यह एक बड़ा नेटवर्क है और अभी इसमें कई अन्य आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे।

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