लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनके बयान को झूठा करार दिया है. एमएलसी ने यह पत्र पीसीएस परीक्षा 2018 के सन्दर्भ में लिखा है.
एमएलसी देवेन्द्र सिंह इससे पहले भी योगी सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे हैं. सचिवालय भर्ती मामले में देवेन्द्र सिंह ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति को कटघरे में खड़ा कर दिया था. गोरखपुर के विन्द्य्वासिनी पार्क का नाम बदलने के मुद्दे पर भी देवेन्द्र सिंह विरोध में खड़े थे. योगी सरकार की मंत्री स्वाती सिंह और सीओ के बीच बातचीत का आडियो वायरल होने के बाद जब मुख्यमंत्री ने स्वाती सिंह को तलब किया था तब भी देवेन्द्र सिंह स्वाती सिंह के साथ खड़े नज़र आये थे.
गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित बीजेपी के विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 24 अप्रैल 2020 को कार्मिक अनुभाग-4 लिखे अर्ध शासकीय पत्र संख्या वि.प.-07/का-4-2020 के बारे में कहा है कि इसमें पीसीएस परीक्षा-2018 में परीक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम में शत प्रतिशत परिवर्तन की वजह से परीक्षार्थियों को दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने की बात कही है.
एमएलसी देवेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री के बयान को झूठा बताते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा 2013 में शामिल सी.सैट से प्रभावित परीक्षार्थियों को अतिरिक्त अवसर 2017-18 में दिए जा चुके हैं.
संघ लोक सेवा आयोग जब भी अपने पाठ्यक्रम या परीक्षा प्रणाली में बदलाव करता है तब उस सत्र के परीक्षार्थियों को दो अवसर देता ही है. 2018 में पीसीएस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया. सामान्य अध्ययन के दो की जगह चार प्रश्न पत्र हो गए. पहले सामान्य अध्ययन के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पत्र होते थे, अब उसे लिखित कर दिया गया. वैकल्पिक प्रश्न पत्र पहले दो होते थे अब एक कर दिया गया. 2019 में फिर से तीन विषय परीक्षा से हटा लिए गए.
देवेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि 2018 में पीसीएस परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को 2020 और 2021 में दो अतिरिक्त अवसर देने के लिए कहा है.
एमएलसी देवेन्द्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी को लिखे पत्र में पूछा है कि कोरोना वायरस से जंग के लिए सभी सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने अपने 30 फीसदी वेतन की कटौती की सहर्ष स्वीकृति दी है. ऐसे में नौकरशाहों की क्या इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में कोई जवाबदेही नहीं है.
देवेन्द्र सिंह ने मुख्य सचिव पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि क्या वह अपने संगठन को राष्ट्रधर्म का पालन करने के लिए प्रेरित नहीं करेंगे. देवेन्द्र सिंह ने कोरोना महामारी के मुद्दे पर सवाल हालांकि मुख्य सचिव से पूछा है लेकिन वास्तव में उन्होंने निशाना योगी सरकार पर ही साधा है.