नई दिल्ली। देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज साढ़े 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-वाउचर-बेस्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन ई-रुपी (e-RUPI) लॉन्च करेंगे। ई-रुपी एक प्रीपेड ई-वाउचर है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने विकसित किया है।
इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट होगा। सरकार के अनुसार इसके जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। हम आपको इसके फायदों के बारे में बता रहे हैं।
सबसे पहले समझें e-RUPI क्या है?
ई-रुपी डिजिटल पेमेंट के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलैस साधन है। यह एक QR कोड या SMS स्ट्रिंग-बेस्ड ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है। इस वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स सर्विस प्रोवाइडर पर बिना कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को रिडीम कर सकेंगे। यानी ये सर्विस प्रोवाइडर को बिना किसी मध्यस्थ की भागीदारी के समय पर पेमेंट करेगी।
इससे होंगे ये 10 फायदे
- ये एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है।
- ये सेवा देने और लेने वालों को सीधे तौर पर जोड़ता है।
- इससे सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों को मिलेगा। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
- यह एक QR कोड या SMS स्ट्रिंग-बेस्ड ई-वाउचर है, जिसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है।
- इस वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स सर्विस प्रोवाइडर पर बिना कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को रिडीम कर सकेंगे।
- ई-रुपी के जरिए सर्विस स्पोंसर्ड करने वाले सीधे तौर पर बिना किसी फिजीकली इंटरफेस के लाभार्थियों और सेवा को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रखने वाले यानी सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े रहेंगे।
- इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए।
- प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर का समय पर भुगतान करता है।
- इसका उपयोग कई सामाजिक कल्याण योजनाओं (वेलफेयर स्कीम) आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और फर्टिलाइजर सब्सिडी देने के लिए किया जा सकता है।
- इन डिजिटल वाउचर का उपयोग प्राइवेट सेक्टर में अपने एम्प्लॉई वेलफेयर और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है।