मेरठ। विधानसभा चुनाव पूरा होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने यूपी में अपने सभी फ्रंटल संगठन भंग कर दिए हैं। रालोद मुखिया चौधरी जयंत ने विधानसभा चुनाव के बाद यह निर्णय लिया है। जयंत ने ट्वीट करके भी यह जानकारी दी है। विधानसभा चुनाव में रालोद का सपा से गठबंधन रहा। इसमें रालोद 33 सीटों पर चुनाव लड़ी और इनमें से 8 सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल को जीत मिली।
रालोद कार्यालय दिल्ली से जानकारी दी गई है कि जयंत चौधरी के निर्देश पर राष्ट्रीय लोकदल यूपी के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला व सभी फ्रंटल संगठन तत्काल प्रभाव से भंग किए जाते हैं।
सपा से गठबंधन में लड़ा चुनाव
किसान आंदोलन के बाद राष्ट्रीय लोकदल की प्रतिष्ठा भी वेस्ट यूपी में दांव पर लगी थी। चौधरी अजित सिंह का मई 2021 में कोरोना से निधन हुआ तो पार्टी की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी के कंधों पर आ गई। जयंत चौधरी ने सियासी जमीन और मुस्लिम वोटों को देखते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा।
वेस्ट यूपी में रालोद ने 33 सीटों पर चुनाव लड़ा। इनमें से राष्ट्रीय लोकदल ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की। इनमें मुजफ्फरनगर में तीन, शामली में दो, मेरठ में एक, बागपत में एक और हाथरस जिले में एक सीट मिली है।
21 मार्च को लखनऊ में बैठक
रालोद के मीडिया प्रभारी दीपक राठी ने बताया कि 21 मार्च को लखनऊ में राष्ट्रीय लोकदल की एक बैठक का आयोजन किया जाना है। इस बैठक में रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी शामिल होंगे। बैठक में निर्वाचित होने वाले सभी विधायक भी शामिल रहेंगे।