09:43 AM, 04-JUN-2024
शेयर बाजार खुलने के शुरुआती 15 मिनट में ही 9 लाख करोड़ रुपये हुए स्वाहा
लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से पहले निवेशकों की ओर से जोखिम से बचने का रुख अपनाने के बीच सेंसेक्स मंगलवार को 1,600 अंक से अधिक की गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:20 बजे तक, बीएसई सेंसेक्स 2,800 अंक या 3.66% की गिरावट के साथ 73,669.28 पर कारोबार करता दिखा। वहीं, निफ्टी50 809 अंक या 3.6% नीचे 22,409 पर कारोबार करता दिखा। उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX 20% उछलकर 25 के स्तर पर पहुंच गया। इस बीच, बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण महज शुरुआती 15 मिनट के दौरान 8.78 लाख करोड़ रुपये घटकर 417.13 लाख करोड़ रुपये रह गया।
09:33 AM, 04-JUN-2024
वोटों की गिनती के बीच औंधे मुंह गिरा बाजार; सेंसेक्स 2800 अंक टूटा, निफ्टी 22450 से फिसला
आम चुनाव में वोटों की गिनती के बीच जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे शेयर बाजार को फिलहाल रास नहीं आ रहे हैं। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 2,784.50 (-3.64%) अंक टूट गया और 74,271.89 पर कारोबार करता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी 838.41 (-3.60%) अंक फिसलकर 22,425.50 पर पहुंच गया। एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के बीच शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स तेजी से नीचे फिसल रहे हैं।
09:24 AM, 04-JUN-2024
एनडीए और इंडी गठबंधन में कांटे की टक्कर के बीच फिसला बाजार; सेंसेक्स 1600 अंक टूटा
लोकसभा चुनाव परिणामों में एनडीए और इंडी गठबंधन में कांटे की टक्कर के बीच शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिख रही है। मतगणना के बीच सेंसेक्स 1,624.50 (-2.12%) अंक फिसल गए हैं और 74,458.45 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 563.06 (-2.42%) अंक टूटकर 22,700.85 पर पहुंच गया।
08:40 AM, 04-JUN-2024
अब तक के चुनावों का सेंसेक्स पर असर
08:38 AM, 04-JUN-2024
2019 में चुनावों के बाद पहली बार 40,000 पार पहुंचा, फिर फिसला सेंसेक्स
जनवरी 2019 की शुरुआत में सेंसेक्स 36,068 अंकों के आसपास था। जनवरी और फरवरी के दौरान, बाजार में हल्का उतार-चढ़ाव दिखा। इस दौरान बाजार घरेलू और वैश्विक आर्थिक कारकों से प्रभावित दिखा। ये चिंताएं आर्थिक विकास की धीमी गति और व्यापारिक तनाव से जुड़ी थीं। फरवरी 2019 के अंत तक सेंसेक्स बढ़कर 36,063 अंक पर पहुंच गया। यह यह साफ हो गया था कि चुनाव से पहले निवेशक फिर सर्तकता बरतने लगे थे।
उसके बाद मार्च महीने में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू की। एक स्थिर सरकार आने की उम्मीदें पुख्ता होने लगी थीं। बालाकोट हवाई हमला 26 फरवरी 2019 को हुआ था। उसके बाद 29 मार्च 2019 को सेंसेक्स लगभग 38,673 अंकों पर बंद हुआ। यह चुनाव से पहले एक मजबूत रैली थी। अप्रैल की शुरुआत में भी सेंसेक्स में तेजी का सिलसिला जारी रहा। 1 अप्रैल 2019 को सेंसेक्स करीब 38,871 प्वाइंट्स पर करोबार करता दिखा। 10 अप्रैल तक वोटिंग शुरू होने से ठीक पहले सेंसेक्स करीब 38,585 अंक पर पहुंच गया।
मतदान के दौरान और बाद में क्या हुआ?
मतदान की अवधि में (अप्रैल-मई महीने में) सेंसेक्स में बड़ा उतार-चढ़ाव दिखा। 11 अप्रैल 2019 को वोटिंग के पहले दिन सेंसेक्स 38,607 के आसपास कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स ने मतदान अवधि के दौरान विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों और राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद लचीलापन दिखाया।
17 मई 2019 तक यानी चुनाव नतीजों से ठीक पहले सेंसेक्स करीब 37,930 अंक पर बंद हुआ। चुनाव परिणाम 23 मई, 2019 को घोषित किए गए। चुनाव परिणामों ने एक बार फिर भाजपा और एनडीए की निर्णायक जीत की पुष्टि की। चुनाव परिणाम के दिन 23 मई को सेंसेक्स 623 अंकों की तेजी के साथ करीब 38,989 अंकों पर बंद हुआ। चुनाव परिणाम के बाद जून 2019 में सेंसेक्स ने पहली बार 40,000 का आंकड़ा छुआ।
इस शुरुआती उछाल के बाद, सेंसेक्स में कुछ उतार-चढ़ाव दिखा। अक्टूबर 2019 में सेंसेक्स गिरकर 34,500 के स्तर पर आ गया। यह गिरावट धीमी जीडीपी, आईएलएंडएफएस के पतन, राजकोषीय घाटे की चिंताओं, चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव और बैंकों के बढ़ते एनपीए के कारण आई। उसके बाद अक्टूबर और दिसंबर 2019 के बीच बाजार को मजबूती मिलनी शुरू हुई। दिसंबर 2019 में सेंसेक्स 41,600 के स्तर के अपने नए उच्चतम स्तर तक पहुंचा।
08:38 AM, 04-JUN-2024
पीएम मोदी ने शपथ ली और सेंसेक्स पहली बार 25000 के पार पहुंचा
जनवरी 2014 की शुरुआत में सेंसेक्स 21,140 अंकों के आसपास था। जनवरी और मार्च के बीच, सेंसेक्स में मामूली उतार-चढ़ाव दिखा, लेकिन अपेक्षाकृत यह स्थिर रहा। आम चुनावों से पहले निवेशक सर्तकता बरतते हुए नजर आ रहे थे। मार्च 2014 के अंत तक, सेंसेक्स लगभग 22,386 अंकों तक पहुंच गया था।
बाजार पर संभावित परिणाम और आर्थिक सुधारों की अपेक्षाओं से जुड़ा आशावाद हावी। निवेशकों को लगने लगा था कि नई सरकार और नए आर्थिक सुधार अब दूर नहीं। अप्रैल 2014 (चुनाव पूर्व अवधि) में, जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आईं, सेंसेक्स में अस्थिरता बढ़ गई। मतदान शुरू होने से पहले सेंसेक्स औसतन 21,700 के स्तर पर बना रहा, हालांकि रुझान सकारात्मक बने रहे।
मतदान के दौरान और बाद में क्या हुआ?
मतदान के दौरान (अप्रैल और मई) 7 अप्रैल से 12 मई के बीच, देश भर में चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा। 7 अप्रैल 2014 को सेंसेक्स लगभग 22,343 अंक कारोबार करता दिखा। इस अवधि के दौरान बाजार की चाल पर मतदान के आंकड़ों और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निवेशकों की प्रतिक्रियाओं का असर पड़ा। मतदान के अंतिम दिन 12 मई, 2014 तक सेंसेक्स बढ़कर 23,551 अंक तक पहुंच गया। 2014 के आम चुनावों के परिणाम 16 मई 2014 को घोषित किए गए। इसमे भाजपा ने पहली बार बहुमत और निर्णायक जीत हासिल की।
16 मई को सेंसेक्स रिकॉर्ड 1,470 अंक उछलकर करीब 24,121 अंक पर बंद हुआ था। शुरुआती उछाल के बाद, सेंसेक्स ने आर्थिक सुधारों और व्यापार समर्थक नीतियों की उम्मीदों से प्रेरित होकर मजबूत प्रदर्शन जारी रखा। सेंसेक्स ने पहली बार 26 मई 2014 को 25,000 का आंकड़ा पार किया।
यह वहीं दिन था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। सेंसेक्स ने आने वाले महीनों में अपनी छलांग जारी रखी। यह 28 नवंबर 2014 को 28,822 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर (उस समय तक) पर पहुंच गया था। इस उछाल को मजबूत एफआईआई प्रवाह और सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों से समर्थन मिला।
08:36 AM, 04-JUN-2024
2009 के आम चुनावों के बाद 12000 से 17000 तक पहुंचा सेंसेक्स
2009 के आम चुनाव भारत में 16 अप्रैल से 13 मई के बीच हुए थे। इस अवधि के दौरान, निफ्टी और सेंसेक्स में सामन्य से अधिक उतार-चढ़ाव दिखा था। 16 अप्रैल 2009 को सेंसेक्स लगभग 11,732 अंकों पर बंद हुआ और चुनाव अवधि के दौरान इसमें उतार-चढ़ाव होता रहा। 13 मई, 2009 को जब चुनाव समाप्त हुए सेंसेक्स लगभग 12,173 अंक पर था। इस आम चुनावों से पहले, जनवरी 2009 और अप्रैल 2009 के बीच सेंसेक्स 9000 के स्तर के आसपास कारोबार करता दिखा था।
08:35 AM, 04-JUN-2024
2019 में भाजपा सरकार के इस फैसले ने तय की बाजार की चाल
2019 के आम चुनावों में भाजपा की अगुवाई में एनडीए ने निर्णायक जीत हासिल की थी। चुनाव के बाद सितंबर 2019 में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दरें घटाने का निर्णय लिया। घरेलू कंपनियों के लिए कर की दर पहले के 30% से घटाकर 22% कर दिया गया। नई विनिर्माण कंपनियों के लिए यह दर 25% से घटाकर 15% कर दी गई थी। सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्स दरों को कम करने के इस निर्णय ने कारोबार जगत और शेयर बाजार के लिए संजीवनी का काम किया। इसका बाजार पर तत्काल प्रभाव पड़ा सेंसेक्स और निफ्टी ने उस दौरान नई ऊंचाइयों की ओर छलांग मारी। सरकार के इस फैसले के बाद अलग-अलग सेक्टर के शेयरों में मजबूती आई। विशेष रूप से विनिर्माण, बुनियादी ढांचे और बैंकिंग क्षेत्र क्षेत्रों के शेयरों ने इस फैसले से बढ़त हासिल की थी। सेंसेक्स और निफ्टी पिछले पांच वर्षों में लगभग 90% तक उछले हैं।
2008 में यूपीए सरकार के इस फैसले का बाजार को मिला लाभ
2019 से एक दशक पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ था तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सरकार ने घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में, सरकार ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाने, कुछ उद्योगों के लिए कर कटौती और व्यवसायों के लिए बढ़ी हुई ऋण उपलब्धता की शुरुआत की थी। इस राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज के एलान के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल दिखा था। 2009 के आम चुनावों के बाद बाजार में सकारात्मक माहौल बना था।
08:34 AM, 04-JUN-2024
आम चुनावों के परिणामों की बारीकी से निगरानी करते हैं निवेशक
भारत में आम चुनाव शेयर बाजार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। यह देश के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देते हैं। लोकसभा चुनाव भारत के शासन और नीतिगत निर्णयों की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शेयर बाजार और देश की अर्थव्यवस्था पर आम चुनावों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार नियामक नियमों, मौद्रिक नीतियों, राजकोषीय नीतियों, सरकारी खर्च आदि पर निर्णय लेती है, ये निर्णय देश की दशा और दिशा तय करते हैं। इन फैसलों का कारोबार पर और शेयर बाजार पर स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। शेयर बाजार के निवेशक चुनावी प्रक्रिया और उसके परिणामों की बारीकी से निगरानी करते हैं। इसलिए, देश की राजनीति और शेयर बाजार के बीच के प्रदर्शन के बीच संबंधों को समझना जरूरी और साथ ही दिलचस्प भी है।
08:25 AM, 04-JUN-2024
Share Market Live: वोटों की गिनती के बीच औंधे मुंह गिरा बाजार; सेंसेक्स 2800 अंक टूटा, निफ्टी 22450 से फिसला
भारत में आम चुनाव शेयर बाजार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। यह देश के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देते हैं। लोकसभा चुनाव देश के शासन और नीतिगत निर्णयों की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शेयर बाजार और देश की अर्थव्यवस्था पर आम चुनावों का गहरा असर पड़ता है। आइए जानें पिछले कुछ आम चुनावों के पहले, चुनावों के दौरान और चुनावों के बाद बाजार की क्या स्थिति रही।