लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अब समाजवादी पार्टी के दो गढ़ों मैनपुरी और रामपुर पर कब्जा जमाने की कोशिश में है। इसके लिए सत्तारूढ़ दल ने रविवार से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने भी शनिवार को ही उपचुनाव का ऐलान किया था। आजम खान के अयोग्य घोषित होने और मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं।
मैनपुरी में क्या हैं तैयारियां
भाजपा की जिला समिति ने संसदीय सीट पर मंथन शुरू कर दिया है। खबर है कि क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी कैडर की बैठकें जारी हैं और इसकी जानकारियां क्षेत्रीय और प्रदेश नेतृत्व को दी जा रही है। खास बात है कि इन सीटों में से जसवंतनगर का अगुवाई सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव करते हैं। मैनपुरी में करीब 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें 5 लाख यादव और 3-3 लाख शाक्य और ठाकुर हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह का कहना है कि पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के जन कल्याण योजनाओं पर निर्भर है।
सपा की प्लानिंग
इधर, सपा मुलायम सिंह की निधन के चलते ‘सहानुभूति मतों’ पर भरोसा कर रही है। खबर है कि पार्टी इस साख की सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए इस रणनीति को अपना सकती है। सपा प्रवक्ता जूही सिंह का कहना है, ‘पार्टी मैनपुरी और रामपुर सीट के उपचुनाव को हल्के में नहीं लेगी। सपा का संगठन स्तर पर काम मजबूत हैं और सीटों से लोगों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।’
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सपा मुलायम के भाई के पोते तेज प्रताप को मैदान में उतार सकती है। साल 2014 में तेज प्रताप ने यहां से जीत दर्ज की थी।
रामपुर के लिए भी कसी कमर
रामपुर सीट पर भाजपा 12 नवंबर को ‘मुस्लिम समारोह’ आयोजित करने की योजना बना रही है। खबर है कि इसके जरिए पार्टी पसमांदा समुदाय को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करेगी। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शामिल होंगे। इसके अलावा यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। साथ ही भाजपा गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत का फायदा भी उठाना चाहेगी।