अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई अली अब्बास ज़फर की बेव सीरीज़ ‘तांडव’ पर मचे बवाल के बीच अमेजन प्राइम इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, सीरीज़ के लेखक गौरव सोलंकी और एक्टर जीशान अयूब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की गई थी।
सुनवाई के दौरान ‘तांडव’ टीम के सीनियर एडवोकेट Fali Nariman ने कहा कि, ‘सीरीज़ से आपत्तिजनक कॉन्टेंट हटा लिया गया है और माफी भी मांग ली गई है। अब इस केस में कुछ भी नहीं बचा है। जिस सीन से लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं, उसे तो हटा ही दिया गया है’।
वकील की दलील पर कोर्ट ने कहा कि ‘तांडव’ के मेकर्स हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने पुलिस से भी कहा कि अगर माफी मांग ली गई है और वो कॉन्टेंट हटा दिया गया है तो पुलिस भी क्लोज़र रिपोर्ट सौंप सकती है’।
इसके बाद ‘ताडंव’ टीम के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ‘क्योंकि एफआईआर कई राज्यों में हुई है तो हर राज्य में जाना निर्माताओं के लिए कैसे मुमकिन हो पाएगा। इसलिए सभी एफआईआर को मुंबई में ही क्लब कर दिया जाए’। सुनवाई पूरी होने के बाद फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘तांडव’ टीम को कोई राहत नहीं मिली है।
गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इसके लिए निर्माता हाईकोर्ट में याचिका दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता मोहम्मद जीशान अय्यूब समेत ‘तांडव’ के निर्माताओं को सरंक्षण देने, अग्रिम जमानत देने और एफआईआर रद्द करने से साफ इनकार दिया है और कहा है कि अग्रिम जमानत या एफाईआर रद्द करवाने के लिए वो हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएं।
आपको बता दें कि ‘तांडव’ टीम ने अपनी अग्रिम ज़मानत और देश के अलग-अलग राज्यों में दर्ज कराई जा रहीं एफआईआर को रद्द कराने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में याचिका की दायर की थी।