टोक्यो। ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार भारत की पीवी सिंधु को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग ने सीधे सेटों में 21-18, 21-12 से हराकर फाइनल मैच में जगह बनाई है। सिंधु ने इस मैच में अच्छी शुरुआत की थी और दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी ताइ यिंग को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उन्होंने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए पहला गेम 21-18 से अपने नाम करने में सफलता पाई।
सिंधु इस गेम में एक समय 11-7 की बढ़त हासिल कर चुकी थीं, लेकिन इस बढ़त को वे आखिर तक बरकरार नहीं रख सकीं।
इस हार से हालांकि सिंधु का टोक्यो ओलंपिक में सफर खत्म नहीं हुआ है। अब उनके पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका मिलेगा। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने के लिए दूसरे सेमीफाइनल में चीन की ही बिन जियाओ से मैच जीतना होगा। अगर सिंधु ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब हो जाती हैं, तब भी वे इतिहास रच देंगी। वे लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन जाएंगी।
सिंधु ने इससे पहले ब्राजील के शहर रियो में हुए ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया था, लेकिन वह गोल्ड लाने से महज एक कदम दूर रह गईं थीं। तब उन्हें फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। पिछले ओलंपिक में भारतीय दल ने सिर्फ दो मेडल ही हासिल किए थे। इसमें सिंधु के अलावा कुश्ती में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल कर कब्जा जमाया था।
टोक्यो में अब तक वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने ही पदक पर मुहर लगाई है। मीराबाई ने महिलाओं की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा के 49 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था।
इसके लिए उन्होंने 202 किलो का कुल भार उठाया, जबकि लवलीना ने महिलाओं की 69 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और इस ओलंपिक में देश के लिए दूसरा पदक पक्का किया था।