नोएडा। नोएडा के ट्विन टावर को विस्फोटक लगाकर गिराने के बाद पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर चिंता सताने लगी है। करीब पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के साथ बीमार लोगों व पेड़-पौधों को भी इससे होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ेगा। वहीं, दो किलोमीटर के दायरे में जलीय जीव, पशु व पक्षियों के साथ पेड़-पौधों पर ज्यादा असर होगा। इससे बचाव के लिए करीब एक सप्ताह तक लगातार पानी का छिड़काव कराना होगा।
बारिश हो जाएगी तो हालात में बदलाव होगा। टावर के आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होगी, जो लोग पहले से बीमार हैं उनकी परेशानी काफी बढ़ सकती है। मलबा भी प्रदूषण बढ़ाया। इसका निस्तारण चुनौतीपूर्ण होगा। आसपास के करीब पांच हजार से अधिक पेड़ों पर प्रदूषण और विस्फोट का व्यापक असर आगामी दिनों में देखने को मिलेगा। तीन माह में मलबा हटाने का काम भी चुनौतीपूर्ण होगा।
मलबे को जल्द निस्तारण के लिए सेक्टर-80 स्थित प्लांट में पहुंचाना होगा जहां इससे ब्लॉक बनाए जा सकते हैं। इधर, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने दावा किया कि विस्फोट से ठीक पहले हवा का रुख बदलकर पूर्वी दिशा की तरफ हो गया।
इससे धूल कण परी चौक और बुलंदशहर की तरफ चले गए। हालांकि, कुछ दूर जाने के बाद यह यमुना की तरफ निकल गया। इससे आवासीय क्षेत्रों में असर कम होगा। ट्विन टावर से हुए प्रदूषण के स्तर के बारे में कहा कि स्थानीय मॉनिटरिंग रोज सुबह छह बजे होती है। प्रदूषण के स्तर के बारे में कल सुबह दस बजे तक पता चलेगा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी शाम चार बजे के बुलेटिन के मुताबिक, नोएडा में 24 घंटे के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में करीब दस अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। शनिवार शाम को जारी नोएडा का एक्यूआई स्तर 110 के साथ मॉडरेट जोन में था। रविवार शाम चार बजे यह बढ़कर 120 तक पहुंच गया।
विज्ञापन
क्या कहते हैं पर्यावरणविद
ट्विन टावर का मलबा हवा के साथ काफी दूर तक गया है। करीब पांच किलोमीटर के दायरे में इसका असर परी चौक की तरफ भी दिखा। इस क्षेत्र में पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव कराना होगा। – सचिन पंवार, वायु प्रदूषण विशेषज्ञ