माइक्रोब्लागिंग प्लेटफार्म ट्विटर के पूर्व सिक्योरिटी चीफ ने व्हिसलब्लोअर टेस्टिमोनी में दावा किया है कि ट्विटर ने अपने ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर यूजर्स और अमेरिकी रेगुलेटर्स को गुमराह किया, जो एलन मस्क की बायआउट बिट पर अदालत की कर्रवाई को प्रभावित कर सकता है।
पीटर जटको ने की शिकायत
पीटर जटको ने ट्विटर पर नकली और स्पैम अकाउंट की संख्या को कम करके आंकने का भी आरोप लगाया। बता दें कि मस्क के प्लेटफॉर्म को खरीदने के लिए अपने 44 बिलियन डॉलर के डील को रद्द करने का सबसे बड़ा कारण फेक अकाउंट ही बताया जा रहा है। मार्केट वॉचडॉग सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को ज़टको की फाइल की गई रिपोर्ट में उन्होंने ट्विटर पर “लापरवाही, जानबूझकर जानकारी छिपाने, राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र के लिए खतरे का आरोप लगाया है।
खराब प्रदर्शन के कारण कंपनी से किया गया बाहर
बता दे कि पूर्व सिक्योरिटी चीफ पीटर जटको को खराब प्रदर्शन के लिए कंपनी से निकाल दिया गया था। इन्होंने अमेरिकी रेगुलेटर्स और अधिकारियों की चेतावनी दी है कि कंपनी अप्रचलित सर्वर, कंप्यूटर हमलों के लिए कमजोर सॉफ्टवेयर और कंपनी के एक्जीक्यूटिव द्वारा हैकिंग प्रयासों की संख्या को छिपाती है। फाइलिंग में यह भी दावा किया गया है कि ट्विटर स्पैम और बॉट्स से लड़ने के लिए अपने यूजर बेस को बढ़ाने को प्राथमिकता देती है।
ज़टको ने प्लेटफ़ॉर्म और उसके CEO पराग अग्रवाल पर अकाउंट की संख्याओं पर असत्य बयान जारी करने का आरोप लगाया क्योंकि अगर सटीक जानकारी कभी सार्वजनिक हो गई तो यह कंपनी की छवि और मूल्यांकन को नुकसान पहुंचाएगी।
उनकी फाइलिंग का तर्क है कि क्योंकि ट्विटर उन यूजर्स की एक संख्या की रिपोर्ट करता है, जिन तक विज्ञापन द्वारा पहुंचा जा सकता है। ना कि अकाउंट की वास्तविक संख्या, ऐसे में स्पैम बॉट्स की वास्तविक जानकारी नहीं मिल पाती है।
बता दें कि ट्विटर ने अपने पूर्व कार्यकर्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि जाटको को जनवरी में अप्रभावी नेतृत्व और खराब प्रदर्शन के लिए निकाल दिया गया था। फर्म ने एक बयान में कहा,कि अब तक जो भी ट्विटर और हमारी प्राइवेसी और डाटा सिक्योरिटी प्रेक्टिस के बारे में देखा गया है वह एक झूठी कहानी है ।