नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter और केंद्र सरकार के बीच हाल ही में हुए विवाद के बाद कई तरह के सवाल लोगों के मन में उठने लगे हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल भी है क्या भारत सरकार Twitter, WhatsApp पर प्रतिबंध लगा देगी। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस सवाल का जवाब दिया।
केंद्रीय मंत्री ने साफ किया है कि केंद्र सरकार किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत सरकार के कई महत्वपूर्ण लोग ट्विटर पर है जो यह दिखाता है कि सरकार कितनी निष्पक्ष है। लेकिन ट्विटर ने मध्यवर्ती संस्था होने का स्टेट्स हाल ही में गंवा दिया है, क्योंकि उसने कानून को नहीं माना।
WhatsApp को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी सामान्य यूजर्स इसके इस्तेमाल पहले की तरह ही कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘हम सभी मैसेज को डिस्क्रिप्टेड नहीं करना चाहते हैं। यह मेरा शब्द है कि सभी ऑर्डिनरी व्हाट्सएप यूजर इसे जारी रखें। लेकिन अगर कोई कंटेंट वायरल होता है, जिसकी वजह से मॉब लिंचिंग, दंगा, हत्या, महिलाओं को बिना कपड़े के दिखाने या फिर बच्चों का यौन शोषण होता है तो इन सीमित कैटगरी में आपसे यह पूछा जाएगा कि किसने यह दुस्साहस किया?’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘वॉशिंग्टन में कैपिटल हिल पर हंगामा हुआ तब आपने सभी के ट्विटर अकाउंट यहां तक कि तत्कालीन राष्ट्रपति के ट्विटर अकाउंट को भी ब्लॉक कर दिया। किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर आतंकवाद के मददगारों ने नंगी तलवारें लहराई, पुलिसवालों को घायल किया, उन्हें गड्ढे में ढकेला..तब यह अभिव्यक्ति की आजादी थी। अगर कैपिटल हिल यूनाइटेड स्टेट का गर्व है तो लाल किला भारत का गर्व है, जहां प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।’
न्यूज एजेंसी ‘ANI’ से आगे बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘आप लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाते हो। इसे आपसे कहकर हटवाने में हमें पन्द्रह दिन लग जाते हैं। यह सही नहीं हे। एक लोकतंत्र के रूप में भारत समान रूप से अपनी डिजिटल संप्रभुता की सुरक्षा का अधिकार रखता है।’