हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 122 लोगों की जान चली गई। नारायण साकार हरि को भोले बाबा के नाम से जाना जाता है।
मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 लोग घायल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घायलों और शवों को टैंपो और बसों में भरकर अस्पताल लाया गया। अस्पताल के बाहर अभी शव बिखरे पड़े हैं।
हादसे की 30 तस्वीरें…
तस्वीर सिकंदराराऊ CHC की है। हॉल के बाहर लाशें बिखरी हुई हैं।
टैंपो में लदे शवों के बीच अपनी बेटी की डेडबॉडी के पास बिलखती एक महिला।
सिकंदराराऊ सीएचसी में एक पिता अपनी बेटी का सिर पकड़कर रोता-बिलखता रहा।
लोडर से घायलों और मृतकों को पहले सीएचसी लाया गया, यहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए हाथरस के अलावा, एटा, कासगंज, आगरा और अलीगढ़ भेजा जाएगा।
हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हैं, अस्पतालों में एम्बुलेंस की लाइन लग गई।
सिकंदराराऊ CHC में बदहवास परिजन अपने परिवार के लोगों के शव लेने आए।
पत्नी का इलाज कराने के लिए स्ट्रेचर लेकर दौड़ लगाते शख्स ने कहा- बस जल्दी से इलाज हो जाए।
गंभीर रूप से घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। अस्पताल में इतनी लाशें देख हड़कंप मच गया।
अपने बच्चे के इलाज के लिए पिता परेशान दिखाई दिया। वो सिर्फ डॉक्टर के बारे में पूछता दिखाई दिया।
सीएचसी में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई है। CMO ने गाइडलाइन जारी कर दी है।
अस्पतालों में डॉक्टर के साथ परिजन भी अपनों की सेवा में जुटे हैं।
जयपुर राजस्थान से आईं भवानी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके बच्चे को भी चोट आई है।
ज्योति ने बताया- मां सत्संग में गई थी, सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मची। वो घायल है।
बदायूं के बिल्सी के नरेश की मां मीरावती की हादसे में मौत हो गई है। उनका कहना है- मां सुबह सत्संग सुनने के लिए घर से निकली थी।
जलेसर राजस्थान से आई महिला की बेटी खुशबू की मौत हो गई है। उनके साथ करीब 50 लोग सत्संग में आए थे।
बदायूं के बिल्सी से आई महिला की बेटी की मौत हो गई है। उन्होंने बताया- हम पांच लोग यहां आए थे। बाकी कहां हैं, नहीं जानती।
हाथरस के सोनू की मां मुन्नी देवी (62) की हादसे में मौत हो गई। सोनू अपनी मां के साथ आया था।
हाथरस की सुनीता अपने बेटे के शव को गोद में रखकर रो रही हैं। उनकी 20 साल की बहन की भी मौत हुई है।
लोगों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा- जाम की वजह से हादसा हुआ है।
अपनों की तलाश करते-करते कुछ लोग थक गए, तब लाशों के ढेर के पास बैठ गए।
यह हाथरस का फुलरई गांव का सत्संग स्थल है, जहां भगदड़ हुई।
यह कार्यक्रम का पोस्टर है। यूपी के अलावा- राजस्थान, मध्य प्रदेश से लोग आए थे।
घायलों के इलाज के लिए परिजन प्राइवेट अस्पताल की ओर निकले।
पुलिस ने मृतकों के परिजनों से जानकारी जुटाई है। अभी कई शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान भीड़ को शांत रहने की अपील की गई।
यह हाथरस पोस्टमॉर्टम हाउस की तस्वीर है, जहां चार थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है।
यह सत्संग की तस्वीर है, जिला प्रशासन का कहना है- उमस के चलते हादसा हुआ है।