नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का ‘बेशर्मी’ से बचाव कर रही है। पंजाब ने अब तक अंसारी को उप्र को नहीं सौंपा है, जहां सांसद/विधायक की विशेष अदालत में उसके खिलाफ कई जघन्य अपराधों के मामले चल रहे हैं। अंसारी, कथित तौर पर जबरन वसूली के मामले में रूपनगर की जेल में बंद है।
उप्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पंजाब सरकार की जमकर खिंचाई की। वहीं, पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने व्यक्तिगत आधार का हवाला देते हुए स्थगन की मांग की। इस पर मेहता ने कहा कि उन्हें स्थगन की याचिका पर आपत्ति नहीं है।
अंसारी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल एक छोटा व्यक्ति है। इस पर मेहता ने पलटवार कर कहा कि वह इतना छोटा व्यक्ति है कि पंजाब सरकार उसकी रक्षा कर रही है। अब शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 2 मार्च की तारीख दी है।
UP सरकार ने मिलीभगत का आरोप लगाया
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल करते हुए कहा कि वह मुख्तार की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। कहा गया कि अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी हुआ, लेकिन रोपड़ जेल के अधिकारी उसे बीमार बताते रहे। मोहाली मामले में दो साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई। फिर भी अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है। इससे मिलीभगत साफ दिख रही है।
अंसारी 15 साल से UP की जेल में रहा, जहां उसे सभी मेडिकल सुविधाएं दी गई। मुख्तार अंसारी जिस माफिया ब्रजेश सिंह से खतरा बता रहे हैं वह पिछले 10 साल से जेल में बंद है। वह कानून के शिकंजे से बचने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहा है। इसलिए उसके ट्रायल के लिए UP भेजा जाए।
योगी सरकार ने अपने हलफनामे में इन बातों का जिक्र किया
- प्रयागराज के MP/MLA कोर्ट में जघन्य अपराध के 10 केस हैं।
- बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना MP/MLA कोर्ट की अनुमति पंजाब पुलिस को सौंपा।
- कई बार पेशी वारंट जारी, रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे।
- मोहाली मामले में 2 साल से चार्जशीट जमा नहीं हुआ। फिर भी वहां ज़मानत नहीं मांग रहा। मिलीभगत साफ दिख रही है।
- सुप्रीम कोर्ट न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करें, मुख्तार को वापस यूपी भेजा जाए।
- मोहाली में दर्ज केस भी प्रयागराज ट्रांसफर किया जाए।
एक हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि अंसारी अपने खिलाफ दर्ज 2 एफआईआर के आधार पर 2 साल से पंजाब में शरण लिए हुए है। पंजाब सरकार एक अपराधी और हिस्ट्रीशीटर का बचाव कर रही है, जबकि उसके खिलाफ 30 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं और हत्या, गैंगस्टर एक्ट जैसे जघन्य अपराधों के 14 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। इन मामलों में कोर्ट उसे व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित करने के लिए कहता है।