UP में नई गाइडलाइन: 10 साल से पहले सरकारी नौकरी छोड़ने वाले डॉक्टरों पर होगा 1 करोड़ का जुर्माना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी कॉलेजों से पीजी करने के बाद डॉक्टरों को 10 साल तक सरकारी अस्पताल में नौकरी करनी होगी। अगर कोई डॉक्टर इससे पहले नौकरी छोड़ता है, तो उसे एक करोड़ रुपए की रकम जुर्माने के तौर पर यूपी सरकार को देनी होगी। यह खबर सामने आने के बाद सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि यह आज का नहीं, बल्कि तीन साल पुराना आदेश है।

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यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- सोशल मीडिया पर एक खबर चली है कि जो डॉक्टर पीजी करते हैं, उन्हें 10 साल तक सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा। ऐसा न करने पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भरना होगा। यह कोई नया नियम नहीं है। सरकार ने 3 अप्रैल 2017 को इस बारे में आदेश जारी किया था।

पढ़ाई पूरी करते ही जॉइन करनी होगी नौकरी
सरकारी गाइडलाइन में कहा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर को तुरंत नौकरी जॉइन करनी होगी। इसके अलावा पीजी के बाद सरकारी डॉक्टरों के सीनियर रेजिडेंसी में रुकने पर भी रोक लगा दी गई है। नए नियम में कहा गया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) जारी नहीं किया जाएगा।

कोर्स छोड़ने पर नहीं ले सकेंगे दोबारा एडमिशन
गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई डॉक्टर बीच में ही पीजी छोड़ देता है तो उस पर 3 साल के लिए रोक लगा दी जाएगी। इन सालों में स्टूडेंट्स दोबारा एडमिशन नहीं ले सकेंगे। इससे पहले शुक्रवार को देशभर में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इसकी वजह आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति मिलना बताया गया था।

डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए लिया फैसला
यूपी के गांव-गांव में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुले हैं, लेकिन ये केंद्र डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। कई स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट तो कई अन्य कर्मचारियों के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालयों पर बने अस्पतालों में भी डॉक्टर्स की कमी है। सरकार के मुताबिक, इस फैसले से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी की भरपाई की जा सकेगी।

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