UP में प्रदर्शन: कृषि कानून के विरोध में उतरी BKU, चक्का जाम, पुलिस ने की सख्ती

मेरठ। कृषि संशोधन विधेयक के विरोध में उत्तर प्रदेश का भारतीय किसान यूनियन भी पंजाब व हरियाणा के किसानों के समर्थन में है। यूनियन की तरफ से उत्तर प्रदेश में हाई-वे पर चक्का जाम किया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में इसका बड़ा असर होने के कारण सभी जगह पर जिला तथा पुलिस प्रशासन बेहद मुस्तैद है। सभी जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है, जबकि किसान सड़कों पर एकत्र हैं।

मेरठ और उसके आसपास के कई जिलों में भारतीय किसान यूनियन ने अनिश्चतकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। यूनियन ने मेरठ समेत वेस्ट यूपी के सभी हाईवे को शुक्रवार को जाम करने का ऐलान किया है।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर मेरठ जिले में कंकर खेड़ा बाईपास को जाम करने का ऐलान किया गया है। प्रदेश में किसानों के इस बड़े आंदोलन को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हर जगह पुलिस तथा जिला प्रशासन सतर्क है। मेरठ में नेशनल हाइवे पर किसानों का चक्का जाम है। दिल्ली-दून हाइवे पर जाम है। दिल्ली की ओर आने-जाने वाले वाहन रोके गए है। भाकियू नेता-किसान हाइवे पर धरना दे रहे है।

नोएडा में किसानों के प्रदर्शन की वजह से कई जगहों पर जाम लग गया।
नोएडा में किसानों के प्रदर्शन की वजह से कई जगहों पर जाम लग गया।

गौतमबुद्ध नगर में भारी संख्या में पुलिस तैनात

गौतमबुद्धनगर में किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। यहां नोएडा सेक्टर 14 ए का बॉर्डर छावनी में तब्दील हो गया है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पुलिस तैनात है जबकि बॉर्डर पर बड़ी मात्रा में कंटीली बैरिकेडिंग भी लगाई गई है।

लखनऊ के अहमामऊ में पुलिस का कड़ा पहरा

दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों के आंदोलन से यूपी में भारतीय किसान यूनियन भी आंदोलित हुई है। लखनऊ में सुलतानपुर रोड पर अहिमामऊ पर किसानों को आज चक्का जाम करना था लेकिन उससे पहले ही दल बल के साथ वहां लखनऊ पुलिस फोर्स पहुंच गई है। किसान नेता हरिनाम सिंह को किसान भवन पर रोक लिया गया है। जबकि जॉइंट कमिश्नर नवीन अरोड़ा भी मौके पर पहुंच कर जायजा ले रहे हैं।

पुलिस ने अहिमामऊ पुल के नीचे बड़ी संख्या में पुलिस बल लगा रखा है। हालांकि अभी कोई भी किसान नेता वहां नही पहुंचा है। जॉइंट कमिश्नर नवीन अरोड़ा के कहना है कि हमारी तैयारी पूरी है। जनता को किसी भी तरह की असुविधा नही होने दी जाएगी। किसानों की जो मांगे है वह जायज तरीके से रखी जाए। उनके प्रतिनिधिमंडल को सरकार से बात करनी चाहिए। कोशिश रहेगी कि किसी को कोई असुविधा न हो लेकिन यदि नियम विरुद्ध कुछ काम हुआ तो कार्यवाई होगी।

गुरुवार को भी किसानों ने किया प्रदर्शन

उधर, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने पैदल मार्च कर कमिश्नरी पर प्रदर्शन किया। गुरुवार सुबह से ही मेरठ और आसपास के जिलों में किसानों की गतिविधियों पर पुलिस, प्रशासन की नजर रही। हालांकि नेतृत्व से कोई आदेश नहीं मिलने के कारण भाकियू के किसान बाहर नहीं निकले। दोपहर बाद मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटाना ने मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के स्तर पर बैठक की सूचना दी।

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