UP रणजी टीम के लिए दगे हुए कारतूस साबित हो रहे हैं बाहरी कोच

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

Advertisement

साल 2006 के रणजी सीजन में उत्तर प्रदेश की टीम प्रचंड फॉर्म में थी और मोहम्मद कैफ के नेतृत्व में यूपी की टीम ने दो फरवरी को बाबू स्टेडियम इतिहास रचते हुए पश्चिम बंगाल को फाइनल में पराजित कर पहली बार रणजी का खिताब जीता था। उस वक्त टीम के कोच थे राजेद्र सिंह हंस।

उनकी निगरानी में यूपी की टीम ने बेहद यादगार प्रदर्शन किया था। कोच  राजेंद्र सिंह हंस के बाद यूपी टीम का चीफ कोच ज्ञानेंद्र पांडेय को बनाया गया था।

ज्ञानेंद्र पाण्डेय की कोचिंग में यूपी की टीम ने 2007-08 तथा 2008-09 के सीजन में यूपी की टीम रणजी ट्रॉफी में उपविजेता रही थी लेकिन इसके बाद यूपी का क्रिकेट पूरी तरीके से गर्त में जा पहुंचा है। यूपीसीए लगातार रणजी टीम का बदलाव करता रहा है। कोच से लेकर कप्तान हर सीजन में बदले जाते हैं लेकिन परिणाम के नाम पर जीरो बटा सन्नाटा ही देखने को मिला है।

हर सीजन में यूपी की टीम का खेल पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है। जब तक यूपीसीए ने बाहरी कोच नहीं रखा था तब तक यूपी का प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन  जब बाहरी कोच को जिम्मेदारी सौंपी तब से यूपी क्रिकेट हार के ट्रैक ही दौड़ रहा है।

वेंकटेश प्रसाद 

बाहरी कोच की बात करें तो इस लिस्ट में कई नाम है जिन्हें यूपीसीए ने मोटी रकम देकर यूपी का कोच बनाया था और उनमें सबसे बड़ा नाम है टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का है।

मनोज प्रभाकर

यूपीसीए ने अक्टूबर 2012 उनको कोच पद की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन टीम को कुछ खास फायदा नहीं हुआ और वो दो साल तक कोच पद पर रहे। उस वक्त सीनियर खिलाडिय़ों से उनका टकराव भी खूब हुआ।  उनके जाने के बाद रिजवान शमशाद कुछ वक्त के लिए कोच बनाया गया था लेकिन इसके बाद फिर से यूपी को मनोज प्रभाकर के रूप में बाहरी कोच मिला। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज मनोज प्रभाकर कोई खास कमाल नहीं कर सके।

विजय दहिया, अजय रात्रा

उनके छोटे से कार्यकाल में यूपी 2016-17 के सीजन में उन्होंने कोचिंग की। उनके बाद विजय दहिया भी यूपी रणजी टीम के कोच बनाए गए। उनका कार्यकाल 2021-2022 के सीजन में रहा है। इसके बाद यूपीसीए ने पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा को टीम का नया कोच नियुक्त किया।

सुनील जोशी भी नाकाम 

हालांकि इस दौरान साल 2019-20 के सीजन में पूर्व भारतीय स्पिनर सुनील जोशी को एक साल के लिए उत्तर प्रदेश की घरेलू टीम का कोच नियुक्त किया था और टीम नॉकआउट तक पहुंची थी। उन्हें 2023 में फिर से कोच बना दिया गया और अभी तक यूपी के चीफ कोच के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन पर यूपीसीए हर सीजन भारी रकम  खर्च कर रहा है लेकिन अब तक वो कोई करिश्मा नहीं कर पाये हैं। कोच सुनील जोशी के होने से यूपी टीम को कोई खास फायदा नहीं हुआ। बाहरी कोच से भी कोई अच्छे परिणाम नहीं आ रहे हैं जबकि इससे पहले यूपी के कोच रह चुके ज्ञानेंद्र पांडेय ने इससे बेहतर परिणाम दिए थे।

रणजी ट्रॉफी में यूपी का अब तक प्रदर्शन

  • 2008-09 रनर-अप
  • 2007-08 रनर-अप
  • 2005-06 विजेता
  • 1997-1998 रनर-अप
  • 1977-1978 रनर-अप

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here